CasinoGames 发表于 2025-10-28 18:24:40

Bihar Politics: अजय मंडल बनाम गोपाल मंडल, टिकट के तीर से तनी सियासत की डोरी

/uploads/allimg/2025/10/5047446200184668566.webp

अजय मंडल, नीतीश कुमार और गोपाल मंडल।



जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सुगबुगाहट के बीच जनता दल (यू) में अंदरखाने का संग्राम खुलकर सामने आ गया है। भागलपुर की सियासत इन दिनों दो मंडलों के बीच फंसी है। एक ओर भागलपुर के सांसद अजय मंडल, तो दूसरी ओर गोपालपुर के बाहुबली विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दोनों की नाराजगी एक ही बात पर टिकट बंटवारा। फर्क सिर्फ इतना कि सांसद ने नाराजगी चिट्ठी के जरिये जताई, तो विधायक सीधे मुख्यमंत्री आवास पर धरने पर बैठ गए।

सांसद अजय मंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में अपना दर्द उकेर दिया। बोले, बीते दो दशक से पार्टी को परिवार की तरह सींचा है, लेकिन अब संगठन में ऐसे फैसले हो रहे हैं जो पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।

उन्होंने तंज कसा कि विधानसभा टिकट बांटने में स्थानीय सांसद से सलाह तक नहीं ली जा रही। जिन्होंने कभी संगठन के लिए पसीना नहीं बहाया, उन्हें टिकट देने की चर्चा है, जबकि जमीन पर काम करने वालों की राय को दरकिनार किया जा रहा है।

अजय मंडल ने अपने पत्र में याद दिलाया 2019 में जब मैं सांसद बना, तब मेरे नेतृत्व में हुए उपचुनाव में पूरे बिहार में जदयू की एकमात्र जीत मेरी सीट से दर्ज हुई थी। आज उन्हीं कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है, जो पार्टी की रीढ़ हैं।

उन्होंने यह भी लिखा कि जब उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने तक नहीं दिया जा रहा, तो आत्मसम्मान बनाए रखना ही शेष रह गया है। सांसद ने साफ लहजे में कहा कि अगर पार्टी ऐसे ही रास्ते पर चली, तो संगठन की जड़ें कमजोर होंगी। इसलिए उन्होंने सांसद पद से त्यागपत्र देने की अनुमति मांगी है।

उधर, गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल का तेवर किसी बागी सैनिक जैसा दिखा। सोमवार की सुबह वे अचानक पटना पहुंचे और सीएम हाउस के बाहर धरने पर बैठ गए। कहा, सुबह आठ बजे से इंतजार कर रहा हूं। मुख्यमंत्री से मिलना है, टिकट चाहिए। जब तक टिकट नहीं मिलेगा, यहीं बैठा रहूंगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता उनकी सीट पर शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को टिकट देने की साजिश कर रहे हैं। बोले, मैं नीतीश कुमार को अपना नेता मानता हूं। न्याय मिलेगा, इसलिए टिकट लिए बिना नहीं जाऊंगा।

जदयू खेमे में इस दोहरी नाराजगी से हलचल मच गई है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी नेतृत्व कुछ सीटों पर नए चेहरों को मौका देने की तैयारी में है, जिससे पुराने और प्रभावशाली नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है। गोपालपुर सीट तो अब सीधा सियासी अखाड़ा बन गई है। एक तरफ सांसद अजय मंडल की सिफारिश, दूसरी ओर विधायक गोपाल मंडल का मैदान में डेरा।

पार्टी के रणनीतिकारों के लिए यह स्थिति कम सिरदर्द नहीं। एक ओर समर्पित सांसद का त्यागपत्र का इशारा, दूसरी ओर विधायक का धरना और चुनौती। नीतीश कुमार के सामने अब संगठन के भीतर मान–सम्मान बनाम टिकट समीकरण की परीक्षा है। फिलहाल इतना तय है कि गोपालपुर की टिकट की यह जंग, भागलपुर की गलियों से लेकर पटना के सत्ता गलियारे तक चर्चा का सबसे गर्म मुद्दा बन चुकी है।
页: [1]
查看完整版本: Bihar Politics: अजय मंडल बनाम गोपाल मंडल, टिकट के तीर से तनी सियासत की डोरी