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Bihar Crime : सिम कार्ड के साथ फ्री ट्रिमर ऑफर के पीछे छिपा है विदेशी साइबर जाल

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इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।



राहुल कुमार गुप्ता, दरभंगा । यदि मुफ्तखोरी के चक्कर में अपनी व्यक्तिगत सूचनाएं साझा कर रहे हैं तो संकट को आमंत्रित कर रहे हैं। हाल में पकड़े गए साइबर फ्राड गिरोह ने सिम के साथ ट्रिमर मुफ्त देने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों के साथ ऐसा ही किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

गिरोह के जालसाज घर-घर घूमकर विभिन्न कंपनियों के सिम बेचने के दौरान ऐसी करतूत को अंजाम दे रहे थे। किसी घर में सिम बेचने के दौरान नंबर चालू करने के लिए आंख की पुतली, थम इंप्रेशन को अपने मोबाइल में चार-पांच बार स्कैन कर सेव कर लेते थे। कस्टमर को एक सिम दिया और उसके नाम से चार सिम निकाल लेते थे।
गिरोह के तार जुड़े है चीन से

सिम के साथ बाल काटने का ट्रिमर मुफ्त में मिलने से ग्राहक आसानी से झांसे में आ रहे थे। गिरोह के तार चीन से जुड़े हैं। आनलाइन लूटने की साजिश को अंजाम देने के लिए दरभंगा जिले में तीन सेंटर तैयार किए जा रहे थे। हालांकि एक नवंबर को आर्थिक अपराध इकाई और साइबर थाने की टीम ने छापेमारी कर इनको ध्वस्त कर दिया।

इन सेंटरों से पांच सिम बाक्स, आठ राउटर, तीन वाईफाई, तीन इनवर्टर, तीन बैटरी, 144 सिम कार्ड, 41 पावर बैंक, पांच मोबाइल, दो फर्जी आधार कार्ड, छह पीस बाल काटने के ट्रिमर बरामद हुए। गिरोह के रौशन कुमार झा, बाबी कल्याण, बिट्टू झा पकड़े गए। साइबर फ्राड सेट टाप को खड़ा करने के लिए सभी उपकरण मिल गए लेकिन सिम बाक्स के नहीं मिलने से यह अधूरा था।


गिरोह के स्थानीय सरगना बहेड़ा थाना के बलहा निवासी रौशन कुमार झा ने चीन में पांच सिम बाक्स की बुकिंग कराई। वहां से जलमार्ग के रास्ते कोलकाता के बंदरगाह भेजा गया।

सिम बाक्स की बुकिंग किसी कंपनी, कस्टमर केयर या काल सेंटर के पते पर नहीं होने की वजह से राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआइ) की टीम का संदेह गहराया। डीआरआइ ने डिलीवरी की जांच के लिए आर्थिक अपराध इकाई को सूचना दी। आर्थिक अपराध इकाई के डीएसपी पंकज कुमार के नेतृत्व में टीम ने बहेड़ा थाना के बलहा से रौशन कुमार झा और मझौड़ा से बाबी कल्याण को गिरफ्तार कर दरभंगा साइबर थाने को सौंपा।

साइबर डीएसपी बिपिन बिहारी ने जब दोनों से सख्ती से पूछताछ की तो कई रहस्योद्घाटन हुए। रौशन झा ने बताया कि दरभंगा के सदर थाना क्षेत्र के तीन जगह लक्ष्मी सागर, कबीरचक और गांधीनगर कटरहिया में किराए के कमरे में साइबर सेट टाप लगाया गया था।

अब सिर्फ सिम बाक्स की प्रतीक्षा थी। इसके लगते ही तीनों कार्यालय को इंटरनेट से जोड़कर साइबर ठगी का काम चीन से शुरू हो जाता। पूरा सेट टाप सीसी कैमरे की निगरानी में रहता जिसके स्क्रीन की मानीटरिंग चीन से होती। प्रतिदिन एक सिम बाक्स से 20 हजार कॉल जाता। एक बाक्स में 256 सिम कार्ड लगता। इंटरनेट माध्यम से कॉल कर ठगी होती।




सिम बाक्स मंगाने के बाद बड़े साइबर लूट को अंजाम देने की योजना थी। अन्य चार आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। तीनों गिरफ्तार आरोपित के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है।


- बिपिन बिहारी, थानाध्यक्ष सह डीएसपी, साइबर थाना।
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