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पाक-अफगान के बीच शांति वार्ती की कोशिश में तुर्किए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा कि तुर्की के विदेश और रक्षा मंत्री और इंटेलिजेंस चीफ इस हफ्ते पाकिस्तान जाएंगे ताकि दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान के साथ सीजफायर पर चल रही बातचीत पर चर्चा कर सकें।
रविवार को जारी उनके बयानों की एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, बाकू में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मिलने के बाद एर्दोगन ने कहा कि इस तीन-तरफा दौरे का मकसद देशों के बीच जल्द से जल्द एक पक्का सीजफायर और शांति कायम करना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शांति वार्ता टूटने की तालिबान की थी पुष्टि
इससे पहले तालिबान ने शनिवार को पुष्टि की थी कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता टूट गई है, हालांकि दोनों पड़ोसियों के बीच सीजफायर अभी भी जारी है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि बातचीत इसलिए टूट गई क्योंकि इस्लामाबाद ने मांग की थी कि काबुल पाकिस्तान की अंदरूनी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले। उन्होंने इसे एक ऐसी शर्त बताया जो अफगानिस्तान की क्षमता से बाहर है।
मुजाहिद ने आगे कहा, “जो सीजफायर हुआ है, उसे हमने अब तक तोड़ा नहीं है और हम इसका पालन करते रहेंगे।“ उधर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने शुक्रवार को कहा कि सीमा पर दोबारा झड़पें रोकने के लिए इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि सीजफायर तब तक जारी रहेगा जब तक अफगान इलाके से कोई हमला नहीं होता।
एर्दोगन ने क्या कहा था?
तुर्किए के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने शनिवार को बाकू में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और उम्मीद जताई कि बातचीत से “लंबे समय तक चलने वाली स्थिरता की दिशा में नतीजे निकलेंगे।“ उनके ऑफिस से जारी एक बयान के मुताबिक, उन्होंने दोनों पक्षों के बीच बातचीत को आसान बनाने के लिए तुर्की की प्रतिबद्धता को दोहराया।
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