找回密码
 立即注册
搜索
查看: 46|回复: 0

एम्स की फर्स्ट रिस्पान्डर बाइक एम्बुलेंस सेवा तीन साल बाद बंद, फंड की कमी से मरीजों को नहीं मिल रही मदद

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

24万

积分

论坛元老

积分
247136
发表于 2025-10-28 08:37:35 | 显示全部楼层 |阅读模式
  तीन साल से धूल फांक रही एम्स की आठ फर्स्ट रिस्पान्डर बाइक एम्बुलेंस





जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एम्स के एक अध्ययन में पता चला है कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक के दो तिहाई मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। इसे देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सहयोग से 25 अप्रैल 2019 को एम्स में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मिशन दिल्ली (दिल्ली इमरजेंसी लाइफ हार्ट अटैक इनिशिएटिव) शुरू की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आठ फर्स्ट रिस्पान्डर बाइक एंबुलेंस मंगाई गईं और दो हेल्पलाइन जारी किए गए। एम्स के तीन किलोमीटर के दायरे में हार्ट अटैक के मरीजों के घर जाकर उनका इलाज करने का प्रावधान किया गया। योजना 2022 तक चल पायी। पिछले तीन वर्ष से ये सभी बाइक एम्बुलेंस धूल फांक रही हैं।


क्लाॅट बस्टर दवा देने का प्रावधान

दरअसल, इस फर्स्ट रिस्पान्डर बाइक एंबुलेंस में आक्सीजन सिलेंडर, डिफिब्रिलेटर, ईसीजी मशीन, क्लाट बस्टर इंजेक्शन और जरूरी दवाइयां मौजूद थीं। कंट्रोल रूम में काल आने पर प्रशिक्षित पैरामेडिकल कर्मी 15 मिनट के अंदर मरीज के घर पहुंचकर ईसीजी जांच कर उसकी रिपोर्ट एम्स में बैठे डाक्टर को भेज देते थे। हार्ट अटैक आने पर मरीज को घर पर ही क्लाॅट बस्टर दवा देने का प्रावधान भी किया गया था।


घर जाकर इलाज करने की सुविधा

आईसीएमआर के तत्कालीन महानिदेशक डाॅ. बलराम भार्गव और एम्स के तत्कालीन निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने इसकी शुरुआत की और दो हेल्पलाइन नंबर (14430 और 1800111044) जारी किए।

शुरुआत में चार फर्स्ट रिस्पान्डर बाइक एंबुलेंस थीं और एम्स के तीन किलोमीटर के दायरे में हार्ट अटैक के मरीजों के घर जाकर उनका इलाज करने का प्रावधान किया गया।

बाद में 13 अक्टूबर 2022 को इसका विस्तार करते हुए चार और फर्स्ट रिस्पान्डर बाइक एंबुलेंस बढ़ाई गई। साथ ही तीन किलोमीटर का दायरा भी बढ़ाकर पांच किलोमीटर कर दिया गया।






तीन वर्ष में 790 मरीजों तक पहुंची मदद

13 अक्टूबर 2022 तक सीने में दर्द की शिकायत लेकर दिल्ली मिशन हेल्पलाइन पर काल करने वाले 790 मरीजों को इस बाइक एंबुलेंस से मदद मिली। इसमें 40 हार्ट अटैक के मरीज भी शामिल थे। इनमें से 20 मरीजों को पैरामेडिकल स्टाफ ने उनके घर जाकर क्लाट बस्टर इंजेक्शन लगाए।

अन्य 20 मरीजों ने हार्ट अटैक के 12 घंटे बाद हेल्पलाइन पर काल की थी। इसलिए उन्हें यह इंजेक्शन देने से ज्यादा फायदा नहीं होता। इस कारण उन मरीजों को एंबुलेंस से एम्स लाया गया और एंजियोप्लास्टी की गई।




पूरे देश में लागू करने की थी योजना





एम्स में इसकी सफलता पर आइसीएमआर ने पूरे देश में योजना लागू करने की योजना बनाई थी। जीबी पंत अस्पताल के सहयोग से पुरानी दिल्ली और बल्लभगढ़, फरीदाबाद में भी यह सुविधा शुरू करने की योजना थी।






आईसीएमआर का फंड खत्म, लगा ब्रेक



मिशन दिल्ली सेवा शुरू करने में डाॅ. बलराम भार्गव की भूमिका अहम रही। उनकी एम्स से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब ये फर्स्ट रिस्पान्डर बाइक एंबुलेंस एम्स में धूल फांक रही हैं। दोनों हेल्पलाइन नंबर भी बंद हैं। एम्स प्रशासन के मुताबिक इसके लिए आईसीएमआर ने फंड जारी किया था, जिसकी पांच वर्ष की अवधि भी खत्म हो गई। इस कारण इसे बंद करना पड़ा। फंड के स्रोत तलाशे जा रहे हैं। फंड की व्यवस्था करके यह सेवा नए सिरे से शुरू की जाएगी।


प्रति एक लाख में 272 हृदय रोग के मामले

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी के मुताबिक हृदय रोग (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज) विश्व स्तर पर मृत्यु दर और रुग्णता का एक प्रमुख कारण है।भारत में होने वाली सभी मौतों में से लगभग एक चौथाई (24.8 प्रतिशत) सीवीडी के कारण होती हैं। विश्व में सीवीडी के चलते मृत्युदर प्रति 100,000 जनसंख्या पर 235 है तो वहीं भारत में यह 272 है।


हृदयाघात से मौतों का आंकड़ा
वर्ष मौतों की संख्या
202335,715
202232,457






(स्रोत-एनसीआरबी)

यह भी पढ़ें- NCRB: आंकड़े बता रहे राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कितने फीसद हुई बढ़ोतरी, पढ़िये अन्य डिटेल
您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-24 08:54 , Processed in 0.161032 second(s), 22 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表