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गोरखपुर चिड़ियाघर में बब्बर शेर ‘भरत’ की मौत, सामने आई ये वजह; CM योगी ने बाड़े में छोड़ा था

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发表于 2025-10-28 08:39:37 | 显示全部楼层 |阅读模式
  चिड़ियाघर में बब्बर शेर ‘भरत’ की मौत।





जागरण संवाददाता, गोरखपुर। चिड़ियाघर में रविवार को मई 2024 में इटावा लायन सफारी से लाए गए बब्बर शेर ‘भरत’ की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण मिर्गी का दौरा बताया गया है। भरत करीब सात वर्ष का था।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वहीं इसके साथ आई शेरनी ‘गौरी’ की निगरानी बढ़ा दी गई है। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि उसे कोई बीमारी नहीं है। शनिवार की शाम भरत ने भोजन किया और पूरी तरह से स्वस्थ था। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार सुबह के समय वह अपने सेल में टहल रहा था।  



दोपहर 12 बजे के करीब अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह नाइटसेल में ही गिर पड़ा। जू कीपरों ने तत्काल वन्यजीव चिकित्सकों को सूचना दी। डाक्टर मौके पर पहुंचे और इलाज शुरू किया, लेकिन शेर को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।  

दोपहर दो बजे के करीब उसकी सांसें कुछ देर के लिए सामान्य हुईं, लेकिन फिर स्थिति बिगड़ती गई। शाम चार बजे के करीब उसने दम तोड़ दिया। इटावा लायन सफारी के वन्यजीव चिकित्सक डा. आरके सिंह की देखरेख में पशु विभाग के दो चिकित्सकों समेत चार सदस्यों की टीम ने शेर का पोस्टमार्टम किया।  



ऐहतियातन उसका विसरा सुरक्षित रख लिया गया है ताकि विस्तृत जांच कराई जा सके। पोस्टमार्टम के बाद चिड़ियाघर अस्पताल परिसर में ही स्थित शवदाह गृह में भरत का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शेर के साथ लाई गई शेरनी ‘गौरी’ की हालत फिलहाल सामान्य बताई जा रही है।  

24 मई 2024 को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के बाद इटावा लायन सफारी से बब्बर शेर भरत और शेरनी गौरी को गोरखपुर चिड़ियाघर लाया गया था। दोनों को प्रारंभिक तौर पर क्वारंटाइन सेल में रखा गया था।  



इसके बाद जून 2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आमजन के लिए दोनों को बाड़े में छोड़ा था। चिड़ियाघर प्रशासन अब शेरनी की जांच कर रहा है। हालांकि अब तक की हुई जांच रिपोर्ट में उसे किसी तरह के बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है।  
मई 2025 में भरत को पहली बार पड़ा था दौरा

चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि मई 2025 में पहली बार भरत में मिर्गी का लक्षण देखा गया था। अचानक आए दौरे से आशंका जतायी गई कि इसे भी बर्ड फ्लू हो गया है। लेकिन, जांच के बाद मिर्गी के दौरे की पुष्टि हुई।  



इसके बाद उसका उपचार किया गया और वह सही हो गया। सेल में रहते हुए वह पूरा भोजन-पानी ले रहा था और दहाड़ भी लगा रहा था। इसके बाद जब इटावा लायन सफारी के लोगों से बातचीत की गई तो पता चला कि वहां पर रह रहे अन्य शेरों को भी इस तरह की बीमारी है।  


इसके पहले पांच वन्यजीवों की हो चुकी है मौत

चिड़ियाघर में भरत से पहले इस साल पांच जानवरों की मौत हो चुकी है। 30 मार्च को पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ केसरी की मौत सबसे पहले हुई थी। इसके बाद पांच मई को मादा भेड़िया भैरवी, सात को बाघिन शक्ति और आठ मई को तेंदुआ मोना की मौत हुई थी। 23 मई को एक   



विवार की सुबह अचानक बब्बर शेर भरत की तबीयत बिगड़ गई। डाक्टरों ने उसका इलाज किया लेकिन उसने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिर्गी का दौरा पड़ने से मौत की पुष्टि हुई है। मई 2025 में भी उसे दौरा पड़ा था। उपचार के बाद वह सही हो गया था।  



विकास यादव, निदेशक, चिड़ियाघर  
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