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आप विधायक मेहराज मलिक के वोट से राज्यसभा चुनाव के परिणाम पर असर पड़ सकता है।
डिजिटल डेस्क, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट को सूचित किया कि हिरासत में लिए गए आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक राज्यसभा चुनाव में अपना वोट डाल सकें, इसके लिए आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया पूरी
सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील सेठी और सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल मोनिका कोहली ने जस्टिस राजेश सेखरी के सामने बताया कि मलिक के लिए पोस्टल बैलेट पहले ही सही अधिकारी को भेज दिया गया है। कठुआ की जिला जेल में हिरासत में रखे गए मलिक को वोट डालने की अनुमति देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
कोर्ट की अगली सुनवाई
मलिक ने अपनी अर्जी में वोट डालने और आगामी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि मलिक को कानून के अनुसार वोट डालने की अनुमति मिले। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर, 2025 को तय की है, खासतौर पर विधानसभा सत्र में मलिक की शारीरिक उपस्थिति से जुड़ी दूसरी प्रार्थना पर विचार करने के लिए।
चुनाव में मेहराज का महत्व
मलिक का वोट राज्यसभा चुनाव में महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन ने मतदान से दूर रहने की घोषणा की है। मलिक के वोट से राज्यसभा चुनाव के परिणाम पर असर पड़ सकता है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है।
27 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
मलिक जिला डोडा के जंस्कर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी अनुपस्थिति में उनकी सीट खाली मानी जा सकती है। मलिक की अर्जी पर कोर्ट का फैसला आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मेहराज मलिक के लिए वोट डालने के आवश्यक प्रबंध कर लिए हैं। अब देखना यह है कि मलिक की विधानसभा सत्र में शारीरिक उपस्थिति को लेकर कोर्ट क्या फैसला लेता है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर, 2025 को होगी। |
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