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चुनावी समीकरण में प्रवासी वोटर: अररिया सबसे कम, इस जिले सबसे ज्यादा वोट

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发表于 2025-10-28 09:57:15 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

पूर्णिया विधानसभा से सबसे ज्यादा प्रवासन और बड़हरा से कम। फोटो जागरण



धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में प्रवासन बिहार के लिए नई बात नहीं, पर हर चुनाव में यह मुद्दा उभरकर सामने आता है, परंतु इसके बाद गौण हो जाता हैं। उत्तर बिहार के जिलों में जहां प्रवासन की समस्या गहरी है, वहीं शाहाबाद क्षेत्र में इसका असर अपेक्षाकृत कम दिखाई देता है। राज्य निर्वाचन आयोग से जारी ताजा आंकड़े इस असमानता को साफ तौर पर दिखाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आयोग की जारी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, कटिहार और अररिया जैसे जिलों में प्रवासी मतदाताओं की संख्या 10 से 17 हजार के बीच दर्ज की गई है।

सबसे ज्यादा 17 हजार प्रवासी वोटर पूर्णिया जिले में हैं, जबकि पश्चिम चंपारण में करीब 16 हजार लोग अपनी रोज़ी-रोटी की तलाश में राज्य से बाहर हैं। इसके उलट, शाहाबाद क्षेत्र के जिलों में प्रवासन का ग्राफ काफी नीचे है।

भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास जिलों में प्रवासी वोटरों की संख्या महज 1400 से 4000 के बीच पाई गई है। राज्य का सबसे कम प्रवासन वाला विधानसभा क्षेत्र भोजपुर जिले का बड़हरा है, जहां से केवल 66 लोग ही काम-धंधे के लिए बाहर गए हैं।

राज्य में कुल प्रवासी वोटरों की संख्या 2,12,999 है। ये आंकड़े मतदाता पुनरीक्षण के दौरान बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) द्वारा घर-घर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किए गए हैं।

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि उत्तर बिहार के जिलों में बे रोजगारी और पलायन आज भी गंभीर चुनौती बनी हुए हैं, जबकि शाहाबाद के जिलों में स्थानीय स्तर पर खेती-बाड़ी की स्थिति और रोजगार के अवसर अपेक्षाकृत बेहतर हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में पर्व त्योहार होने के कारण प्रवासी वोटर राज्य की राजनीति के समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।
पूर्णिया विधानसभा से सबसे ज्यादा प्रवासन और बड़हरा से कम

विधानसभावार आंकड़ों में पूर्णिया से दूसरे राज्यों में जाने वाले वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं, भोजपुर के बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में केवल 66 वोटर ऐसे मिले जो स्थायी रूप से दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए गए हैं।

गंगा और सोन के किनारे बसा बड़हरा विधानसभा क्षेत्र उपजाऊ भूमि और जलीय संपदा में अव्वल है। दाे माह बाढ़ की त्रासदी झेलने वाले इस क्षेत्र में बाढ़ सब्जी और मक्का के उत्पादन के लिए मशहूर है और यह रोजगार के अवसर पैदा करता है।
सबसे ज्यादा और सबसे कम प्रवासी वोटर वाले जिले तथा विधानसभा क्षेत्र

    जिला प्रवासी वोटरों की संख्या
   
   
   पूर्णिया
   17,128
   
   
   पश्चिमी चंपारण
   16,190
   
   
   कटिहार
   14,545
   
   
   पटना
   14,462
   
   
   अररिया
   
10,675
   
शाहाबाद के जिले से प्रवासन

    जिला प्रवासी वोटरों की संख्या
   
   
   भोजपुर
   3,084
   
   
   बक्सर
   4,127
   
   
   कैमूर
   2,380
   
   
   सासाराम
   1,471
   
सबसे ज्यादा प्रवासन वाले विधानसभा क्षेत्र

    विधानसभा प्रवासियों की संख्या
   
   
   पूर्णिया
   13,013
   
   
   कटिहार
   8,763
   
   
   सिकटा
   5,882
   
   
   बगहा
   4,912
   
   
   इस्लामपुर
   2,728
   


विधानसभा क्षेत्र से कम प्रवासन



    विधानसभा प्रवासियों की संख्या
   
   
   बड़हरा
   66
   
   
   कल्याणपुर
   100
   
   
   गोविंदगंज
   109
   
   
   अलीपुर
   122
   
   
   हायघाट
   124
   


कई विधानसभा क्षेत्र में निर्णायक होगी उनकी भूमिका

इस बार का मतदान दीपावली और छठ पूजा के बाद है। इस कारण इस बार मतदान में प्रवासी मतदाता ज्यादा अपने गृह क्षेत्र में रहेंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इनके मतदान करने की संभावनाओं को देखते हुए इनकी भी भूमिका इस मतदान में काफी बढ़ गई है। राज्य के कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 100 से लेकर 500 मतों के बीच फैसला होता है, वहां के लिए प्रवासी वोटरों की भूमिका अहम होगी।
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