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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में कमला नेहरू नगर स्थित केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआइ) में यूपी पुलिस के 32 पुलिसकर्मियों को एआई आधारित अपराध विश्लेषण और पूर्वानुमानित पुलिसिंग कोर्स की ट्रेनिंग दी गई।
पांच दिवसीय प्रशिक्षण बृहस्पतिवार को समाप्त हुआ। कार्यक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तैनात पुलिसकर्मी शामिल हुए।
बृहस्पतिवार को कार्यक्रम समाप्ति पर सीडीटीआइ गाजियाबाद के निदेशक आइपीएस अधिकारी सचिन गुप्ता ने कहा कि एआइ आधारित अपराध विश्लेषण और उत्पादक पुलिसिंग का अर्थ है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके अपराधों के पैटर्न और रुझानों का विश्लेषण करना और भविष्य में अपराध होने की संभावना का पूर्वानुमान लगाना। जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियां अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकें। पुलिसिंग में एआइ के जरिए अपराध डेटा का विश्लेषण करके उन क्षेत्रों और समय की पहचान करते हैं जहां अपराध होने की संभावना अधिक होती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एआइ अपराधों में छिपे पैटर्न और संबंधों को उजागर करता है, जिससे अपराधियों के नेटवर्क और उनके तौर-तरीकों को समझने में मदद मिलती है। एआइ चेहरे की पहचान तकनीक संदिग्धों की पहचान करने में मदद करती है। इसके साथ ही एआइ जटिल डेटा को समझने योग्य प्रारूप में प्रस्तुत करता है, जिससे निर्णय लेना आसान होता है। साइबर अपराधों का पता लगाने और उन्हें रोकने में भी एआइ का प्रयोग किया जा सकता है।
कोर्स कोर्डिनेटर रिटायर्ड डिप्टी एसपी ब्रहमपाल सिंह बालियान ने कहा कि एआइ अपराध होने से पहले ही उन्हें रोकने में मदद कर सकता है और पुलिस संसाधनों का बेहतर आवंटन भी कर सकता है। इसके अलावा एआइ का प्रयोग करते समय आने वाली चुनौतियों पर भी जानकारी दी गई है। कार्यक्रम की शुरूआत 13 अक्टूबर को हुई थी। कार्यक्रम में गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, आगरा, रामपुर, बरेली से पुलिसकर्मी शामिल हुए। |
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