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अरुण साथी,शेखपुरा। वर्तमान बिहार चुनाव में बरबीघा की राजनीति प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन हुआ है। बरबीघा विधानसभा से वर्तमान जदयू के विधायक रहे सुदर्शन कुमार को पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव में संदिगध भूमिका के कथित आरोप में टिकट काट दिया और उन्होंने निर्दलीय पर्चा दाखिल करके माहौल गर्म कर दिया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी पूर्व विधायक और पिछले बार चुनाव में मात्र 113 मतों से पराजित होने वाले गजानंद शाही का भी टिकट काट दी और यह भी सुर्खियों में बन गया।
गजानंद शाही के टिकट काटने पर कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता और सांसद तारीक अनवर ने सवाल उठाया है और उन्होंने इंटरनेट मीडिया, एक्स, पर इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए पोस्ट किया है कि पूर्व विधायक गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 113 मतों से पराजित हुए थे, इस बार उनकी टिकट काट दी गई है। वहीं जो उम्मीदवार पिछले चुनाव में 30 हजार मतों से हार चुके थे, उन्हें फिर से अवसर दिया गया है।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने बरबीघा से त्रिशूलधारी सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वे 2010 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं।
मुन्ना शाही कांग्रेस छोड़कर जदयू में आए थे और 2010 में उन्हें बरबीघा से विधायक चुना गया था। जबकि 20015 के चुनाव में उनका भी टिकट काट दिया गया। 2020 के चुनाव में जब गजानंद शाही को फिर से पार्टी ने टिकट नहीं दिया और उनकी जगह सुदर्शन कुमार को प्रत्याशी बनाया तो उन्होंने जदयू छोड़कर फिर घर वापसी की और कांग्रेस में चले गए। इस चुनाव वे मात्र 113 मतों से पराजित हुए। सुदर्शन चुनाव जीत गए थे। इस बार सुदर्शन कुमार को भी जदयू ने बेटिकट कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उधर, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गजानंद शाही ने कहा कि पार्टी ने उनके साथ अच्छा नहीं किया। प्रदेश भर में कई लोगों को हार का सामना कड़ा प्राप्त करना पड़ा था परंतु उनको टिकट दिया गया। |
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