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बाएं से डॉक्टर परवेज अंसारी की पहले की फोटो व बाद की फोटो। इंटरनेट मीडिया।
आयुष्मान पांडेय, लखनऊ। दिल्ली विस्फोट कांड से नाम जुड़ने के बाद जांच एजेंसियां अब डाॅ. परवेज अंसारी की जिंदगी के उन रहस्यों को जानने में जुटी हैं जो अब तक सामने नहीं आ पाए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह वर्ष 2021 से पहले साधारण और शांत रहने वाले डाक्टर में अचानक बदलाव आया और वह आतंक के रास्ते पर आगे बढ़ गया।परवेज का नाम उसकी बहन डा शाहीन के दिल्ली बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार के बाद आया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डाॅ. परवेज ने 16 जुलाई 2021 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट डाॅक्टर के रूप में ज्वाइन किया था। उस समय उसका मासिक वेतन करीब सवा लाख रुपये था। यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक, शुरुआती दिनों में क्लीन शेव और पैंट-शर्ट में रहने वाले परवेज का लुक एक वर्ष बाद ही बदलने लगा। उसने पैंट-शर्ट के बजाए कुर्ता-पजामा और टोपी पहनने के अलावा दाढ़ी रखने लगा। इसके साथ ही वह सहकर्मियों से दूरी बनाने लगा।
काफी ब्रेक या लंच टाइम में सबके साथ खाने वाला परवेज अकेला बैठकर खाने लगा। यूनिवर्सिटी के स्टाफ के अनुसार ज्वाइनिंग के एक वर्ष तक तो वह सामान्य था, लेकिन इसके बाद पूरी तरह बदल गया। उसके सहकर्मियों ने बताया कि परवेज धार्मिक कार्यक्रमों में भी भाग लेने लगा था और धर्म को लेकर चर्चा भी करता था।
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वह इंटरनेट और कुछ ऑनलाइन ग्रुप्स से जुड़ा हुआ था, जहां धार्मिक विचारों पर विमर्श होता था। अब एजेंसियां यह जांच रही हैं कि उसी दौरान उसकी संपर्क में कौन-कौन लोग आए और किन नेटवर्क से उसका रिश्ता बना। 24 दिसंबर 1984 को लखनऊ में जन्मे डॉ. परवेज ने 2011 में एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस और 2015 में सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा से एमडी की डिग्री हासिल की थी।
इसके बाद उसने सहारनपुर मेडिकल कॉलेज और खुद की निजी क्लिनिक में काम किया। परवेज की पहचान एक मेहनती और पढ़ाई के प्रति समर्पित डॉक्टर के रूप में थी, लेकिन इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में जॉब के कुछ वर्षों बाद उसका रूटीन और जीवन पूरी तरह बदल गया। |
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