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एसआईआर प्रक्रिया में त्रुटियों से मतदाता परेशान हो रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। जैसे-जैसे मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआइआर) का काम आगे बढ़ रहा है, नई-नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। प्रदेश के खंडवा शहर में भैरौतालाब वार्ड की अमीना पत्नी शरीफ का नाम भोपाल की हुजूर विधानसभा में चला गया, जबकि उनका मायका भुसावल में है। इसी तरह, रमा कालोनी की रितु शर्मा का नाम दतिया के डिरोलीपर गांव से जोड़ दिया गया, जबकि उनका मायका राजगढ़ में है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जांच में पता चला कि वहां के बीएलओ की गलती से ऐसा हुआ है। शुरुआती एक्सरसाइज के दौरान नाम गलत मैप हो गए हैं। इसलिए खंडवा में जब बीएलओ द्वारा एप पर नाम मैप करने की कोशिश की गई, तो सिस्टम ने बताया कि नाम पहले मैप हैं। दोनों महिलाओं और उनके परिजन को आशंका हुई कि कहीं उनके नाम मतदाता सूची से कट न जाएं, लेकिन अधिकारियों ने तत्काल स्थिति स्पष्ट कर दी।
इस मामले में जिला निर्वाचन पर्यवेक्षक प्रफुल्ल शुक्ला ने स्पष्ट किया कि यह बीएलओ स्तर की मामूली चूक है, जिसके लिए मतदाताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं। त्रुटि कहीं भी हुई हो, गणना पत्रक भरते समय खुद पकड़ी जाएगी। गलत जगह मैप (नाम होने) को अनमैप (हटाकर) कर सही जगह जोड़ा जाएगा।
यह है मैपिंग
SIR में \“नाम मैपिंग\“ एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एक टेबलटाप एक्सरसाइज है, जिसमें बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) पुरानी और नई मतदाता सूचियों का मिलान करते हैं। यानी बीएलओ टेबल पर बैठकर नाम, उम्र, पते और परिवार के विवरण से मिलान करते हैं और जो नाम एक जैसे मिलते हैं, उनको मैप कर देते हैं। हालांकि कभी-कभी एक जैसे नामों के कारण त्रुटियां हो जाती हैं। खंडवा में सामने आया मामला यही है। |
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