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भारत मंजपम में हो रहा है 44 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन।
जागरण संवाददाता नई दिल्ली। 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में दर्शकों को लुभा रहीं एंटीक ग्रामोफोन, टेलीफोन, ग्लोब, रेडियो इत्यादि। नई पीढ़ी के दर्शक इनके बारे में जानना चाह रहे तो पुरानी पीढ़ी के लोग इन्हें देख ताजा कर रहे पुरानी यादें। मेला दर्शकों को राज्य मंडपों के ऐतिहासिक स्मारक वाले सेल्फी पॉइंट भी खूब पसंद आ रहे। चाहे इंडिया गेट और लालकिला हो या हवामहल, शिपयार्ड हो या महाराष्ट्र के दुर्ग। दर्शक नई चीजों की तरफ भी हो रहे आकर्षित। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किताबों से निकले उल्कापिंड और डायनासोर
व्यापार मेले में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का म्यूजियम लोगों को हैरान करने के साथ ही उनकी जिज्ञासा भी बढ़ा रहा है। क्योंकि यहां दुर्लभ जीवाश्मों और आकाशीय पिंडों का संग्रह प्रदर्शित किया गया है। यहां लगभग 6 करोड़ साल पुराना सारोपोडस प्रजाति के डायनासोर का अंडा है, जो महाराष्ट्र से मिला है। इसके साथ ही डायनासोर के दांत और उसके मल का जीवाश्म काप्रोलाइट भी रखा गया है। जिसके अध्ययन से डायनासोर के खान-पान की जानकारी मिलती है।
गांव की खुशबू और कला का दिख रहा अनोखा संगम
भारत मंडपम में जारी अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला इस बार ग्रामीण भारत की झलक से सराबोर है। देशभर के विभिन्न राज्यों से पहुंचे किसान और कारीगर अपने पारंपरिक उत्पादों, सांस्कृतिक वस्तुओं, घरेलू अचारों और देशी खाद्य सामग्री के साथ आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले में प्रदर्शित हस्तनिर्मित कपड़े, बुनाई की अनोखी कारीगरी और देसी कला लोगों को खूब लुभा रही है। ग्रामीण उत्पादों की विविधता और उनकी विशिष्ट गुणवत्ता दर्शकों को भारत की जड़ों से जोड़ने का काम कर रही है। |
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