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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बड़हलगंज के मनीष की माता के नाम से हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपी) का रसोई गैस कनेक्शन है। घर में शादी है इसलिए मनीष को कई रसोई गैस सिलिंडर की जरूरत है। उन्होंने पास-पड़ोसियों से खाली सिलिंडर का जुगाड़ भी कर लिया है लेकिन एजेंसी पर सिलिंडर ही नहीं उपलब्ध है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वह रोजाना इस आस में एजेंसी व गोदाम पर जा रहे हैं कि दो-चार सिलिंडर की व्यवस्था हो जाएगी लेकिन हर बार उनको निराश लौटना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि बुकिंग के 12 से 15 दिन बाद ही सिलिंडर दे पाना संभव होगा। इसकी वजह प्लांट से भरे सिलिंडर का न आ पाना है।
यह सिर्फ मनीष की ही समस्या नहीं है। एचपी में लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की कमी के कारण गीडा के बाटलिंग प्लांट में सिलिंडर रीफिल ही नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण एजेंसियों पर मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अधिकारियों से बात हुई है। एक-दो दिन में समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।
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रोजाना दो ट्रक चाहिए, तीन दिन में मिल रहा एक
एचपी की पूर्वांचल में कई बड़ी रसोई गैस एजेंसियां हैं। यहां उपभोक्ताओं की संख्या हजारों में है। इन एजेंसियों को रोजाना दो ट्रक सिलिंडर की जरूरत होती है लेकिन इन दिनों तीन दिन में बमुश्किल एक ट्रक ही मिल पा रहा है। मांग के अनुरूप आपूर्ति न होने से एजेंसी से लगायत गोदाम पर रोजाना सुबह लाइन लग जा रही है।
हर जगह समस्या, निराकरण नहीं
एचपी में एक महीने से ज्यादा समय से रसोई गैस सिलिंडर की समस्या है लेकिन इसके निराकरण की दिशा में ठोस पहल नहीं हो रही है। बहुत दबाव पड़ने पर नगर क्षेत्र की एजेंसियों पर एक दिन में एक ट्रक सिलिंडर दे दिया जा रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कमी बरकरार है। ग्राहक परेशान होकर इधर-उधर भटक रहे हैं। |
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