找回密码
 立即注册
搜索
查看: 813|回复: 0

Margashirsha 2025: क्यों अगहन महीने में कृष्ण भक्ति से मिलता है अक्षय फल? यहां जानें धार्मिक महत्व

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

26万

积分

论坛元老

积分
261546
发表于 5 小时前 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

जगत के पालनहार भगवान कृष्ण को कैसे प्रसन्न करें?



दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। हिंदू पंचांग के अनुसार अगहन मास 6 नवंबर 2025, गुरुवार से आरंभ होकर 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा। यह महीना कार्तिक के तुरंत बाद और पौष से ठीक पहले आता है, इसलिए इसे सर्दियों की शुरुआत का सूचक माना जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  

इस समय मौसम शांत और सात्त्विक होता है, जिससे मन आसानी से भक्ति और साधना में स्थिर हो जाता है। शास्त्रों में अगहन के दौरान प्रातःकाल स्नान, दान-पुण्य, दीपदान, तुलसी-पूजन और नियमित विष्णु आराधना का विशेष महत्त्व बताया गया है। इस अवधि में किया गया हर शुभ कार्य कई गुना फलदायी माना जाता है।
गीता उपदेश से जुड़ा पवित्र समय

अगहन मास को भगवान कृष्ण का प्रिय महीना इसलिए माना जाता है क्योंकि इसे गीता उपदेश का काल माना गया है। परंपरा के अनुसार, श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म, कर्तव्य और सत्य का दिव्य ज्ञान भगवद्गीता इसी मास के दौरान प्रदान किया था।  

  

इसलिए मार्गशीर्ष ज्ञान, आत्मबोध और धर्म के प्रकाश का प्रतीक बन गया। स्वयं भगवान ने गीता में कहा है “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, अर्थात् महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। यह कथन इस महीने की दिव्यता को और भी पुष्ट करता है।
कृष्ण भक्ति के लिए सर्वोत्तम काल

अगहन को भगवान कृष्ण की उपासना का अत्यंत शुभ समय माना गया है। इस महीने विशेष रूप से हर गुरुवार व्रत रखने, पूजा करने और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने का महत्त्व बताया गया है। ऐसा करने से मन की चंचलता कम होती है, जीवन में शांति बढ़ती है और घर में स्थिरता आती है। क्योंकि श्री कृष्ण स्वयं विष्णु अवतार हैं, इसलिए यह मास उनके लिए विशेष रूप से प्रिय माना जाता है।
दान का अत्यंत फलदायी समय

शास्त्रों में अगहन मास को दान-पुण्य का श्रेष्ठ महीना बताया गया है। इस दौरान किया गया अन्नदान, वस्त्रदान, दीपदान या जरूरतमंदों की सहायता का फल कई गुना अधिक मिलता है। माना जाता है कि इस महीने में किया गया दान मन को पवित्र करता है और पितरों तथा देवताओं दोनों को संतुष्ट करता है। इसलिए यह महीना “पुण्य संचय का समय” भी कहा जाता है।
अगहन महीने में क्या करना चाहिए?

  • प्रातःकाल स्नान कर तुलसी पत्र के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से मन और वातावरण दोनों शुद्ध होते हैं।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का नियमित जप मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा देता है।
  • हर गुरुवार व्रत रखें और पीले वस्त्र पहनकर पूजा करें, इससे गुरु ऊर्जा मजबूत होती है और जीवन में स्थिरता बढ़ती है।
  • जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दीपदान करना अगहन मास का अत्यंत पुण्यकारी कार्य माना गया है।
  • प्रतिदिन गीता का एक श्लोक पढ़ने से ज्ञान, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है।


यह भी पढ़ें- Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी में क्या खाएं और क्या नहीं? जानिए व्रत करने के सही नियम

यह भी पढ़ें- Gita Jayanti 2025 Date: कब है गीता जयंती? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त और महत्व

लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।

相关帖子

您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-27 05:33 , Processed in 0.125341 second(s), 24 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表