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दिल्ली सचिवालय की बिल्डिंग। फोटो- जागरण
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सचिवालय बिल्डिंग में लोकल एरिया नेटवर्क (एलएएन) और वाई फाई इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा। दिल्ली सचिवालय में मौजूदा एलएएन एक दशक से ज्यादा पुराना है, इससे कई बार नेटवर्क में समस्या होने पर काम में रुकावट आती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
काफी समय से इसे पूरी तरह बदलने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसे नई तकनीक के हिसाब से अपडेट करने और इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार की भी जरूरत महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार इस पर काम शुरू करने जा रही है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) बिल्डिंग के एलएएन और वाई फाई इंफ्रास्ट्रक्चर का सर्वे कर रहा है ताकि जरूरी और सुधार के काम का सुझाव दिया जा सके।
डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल होगा बेहतर
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार के इन्फार्मेशन एंड टेक्नोलाजी (आइटी) डिपार्टमेंट ने मौजूदा डिजिटल मांगों को पूरा करने के लिए दिल्ली सचिवालय में एलएएन और वाई फाई इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से माडर्न बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया है।
यह ई-गवर्नेंस एप्लिकेशन और अंदरूनी सहयोग को सपोर्ट करने के लिए एक मजबूत, हाई-स्पीड और सुरक्षित कम्युनिकेशन नेटवर्क देगा। उन्होंने कहा कि अपग्रेड किया गया इंफ्रास्ट्रक्चर सभी डिपार्टमेंट के लिए आसान कनेक्टिविटी पक्का करेगा, जिससे क्लाउड-बेस्ड टूल्स और डिजिटल प्लेटफार्म का अच्छे से इस्तेमाल हो सकेगा।
यह अपग्रेड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी हाई-बैंडविड्थ एक्टिविटी को सपोर्ट करेगा, कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, जिससे सीधे प्रोडक्टिविटी और इंटर-डिपार्टमेंटल कोऑर्डिनेशन बढ़ेगा। दिल्ली सचिवालय नौ मंजिला प्लेयर्स बिल्डिंग है। इसकी अलग-अलग मंजिलों पर मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव के साथ-साथ अलग-अलग विभागों के बड़े अधिकारियों के कार्यालय हैं।
क्या होता है एलएएन?
एलएएन का मतलब है किसी बिल्डिंग में आपस में जुड़े कंप्यूटर और डिजिटल डिवाइस। एक ऐसा नेटवर्क है जो एक छोटे भौगोलिक क्षेत्र जैसे कि एक घर, कार्यालय या भवन में कंप्यूटर और अन्य उपकरणों को जोड़ता है। यह उपयोगकर्ताओं को फाइलें, प्रिंटर और इंटरनेट कनेक्शन जैसे संसाधनों को इंटरनेट संचालन की सुविधा देता है। यह केवल एक घर या एक ही इमारत तक सीमित रहता है। |
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