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उधमपुर में बड़ा हादसा, टूटे पुल से कार गिरने से पांच घायल

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发表于 2025-11-27 00:10:32 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

पुल टूटा होने का पता न चलने से नीचे गिरी कार, पांच घायल। सांकेतिक तस्वीर



जागरण संवाददाता, उधमपुर। कोई एक छोटी सी लापरवाही कैसे एक दर्दनाक हादसे का कारण बन सकती है। इसका उदाहरण बीती रात पखलाई क्षेत्र में तब सामने आया, जब टूट कर बह चुके पुल की जानकारी न होने के कारण बरात से लौट रहे दूल्हे के रिश्तेदारों की कार अंधेरे में अचानक सड़स नीचे पत्थरों में जा गिरी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कथित पर पुल पर न तो कोई अवरोधक था न ही चेतावनी या किसी संकेत वाला बोर्ड, जिससे पता चलता कि पुल टूटा है और डाइवर्जन लेनी है। हादसे में दो बच्चों सहित पांच लोग घायल हुए हैं, जिसमें से दो गंभीर हालत में सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू रेफर किया गया है।

जानकारी के मुताबिक बीती रात लगभग 10:30 बजे कार संख्या जेके21जी4581 से पखलाई इलाके में बारात में शामिल होने के बाद बारती उधमपुर की तरफ आ रहे थे। जैसे ही वाहन दखडु में तवी नदी पर बने पुल के पास पहुंचा तो चालक को अंदाजा तक नहीं था कि आगे बना पुल अगस्त की भारी बारिश में बह चुका है। सड़क पर कथित पर कोई अवरोधक, पट्टी, लाल झंडी और न ही किसी प्रकार की सूचना लगी थी कि पुल टूटा हुआ है और साईड से डाइवर्जन लेकर आगे जाना है। जिसके चलते कार टूटे पूल से सीधे नीचे पत्थरों में जा गिरी।

कार गिरने से हुई धमाके जैसे तेज आवाज रात के सन्नाटे को चीरती हुई आसपास के घरों में सुनाई दी। आवाज सुनकर सबसे पहले बाहर आए स्थानीय निवासी सुनील ने बताया कि कि वह घर में सोने से पहले फोन देख रहे थे। इसी बीत तेज धमाका हुआ। बाहर आकर देखा तो अंधेरे में कार की लाइटें नीचे खाई में चमक रही थीं।

उन्होंने तुरंत एक अन्य स्थानीय निवासी जोगिंद्र शर्मा को फोन कर घटना की जानाकरी दी। इसके बाद उन दोनों ने कुछ अन्य स्थानीय लोगों के साथ मिल कर नीचे गिर कर उलटी पलटी कार के शीशे तोड़कर बड़ी मुश्किल से घायलों को बाहर निकाला। जिनमें दो किशोर और तीन बड़े शामिल थे। सभी को रात 11 बजे तक जीएमसी उधमपुर पहुंचा दिया गया था।

घायलों की पहचान 59 वर्षीय किरपाल सिंह पुत्र पूर्ण सिंह, 50 वर्षीय सेठी सलाथिया पुत्र कुलदीप सिंह, 13 वर्षीय त्रिदेव सिंह पुत्र सेठी सलाथिया, 50 वर्षीय रशपाल सिंह पुत्र बुधी सिंह व शौर्य सलाथिया पुत्र सेठी सलाथिया निवासी गुड़ा सलाथिया बताई गई है। जीएमसी उधमपुर से दो घायलों को गंभीर हालत में जीएमसी जम्मू रेफर किया गया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार मौके पर न कोई दीवार, न अवरोधक और कोई चेतावनी सा सूचना पट थी। घायलों के रिश्तेदार ने बताया कि दो–तीन दिन पहले मेहंदी के कार्यक्रम के लिए वह गए थे। वापिसी में लौटते समय चेतावनी के नाम पर हाथ के आकार के दो पत्थर रखे देखे थे। दिन में तो यह नजर आ गए थे, लेकिन रात को रिफ्लेक्टर, सचेत करने वाले साइन बोर्ड के बिना इसका अंदाजा होना मुश्किल।

रोज आने जाने वालों को पता रहता है, मगर पहली बार आने वाले नए लोगों को कैसे पता चल सकता था। हादसे के बाद सुबह लोगों ने खुद पूरी सड़क पर पत्थर लगाए। ताकि चालकों सड़क बंद होने का पता चल सके और कोई और हादसा न हो। घायलों के रिश्तेदार अभी राणा ने कहा लोगों से रोड टैक्स तो लिया जाता है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं।

पुल टूटने की सूचना देना किसकी जिम्मेदारी थी? किसी ने एक बोर्ड तक नहीं लगाया। बाहर से आने वालों को क्या मालूम कि सड़क अचानक खत्म होने वाली है? स्थानीय लोगों ने साफ तौर पर पीडब्लूडी को जिम्मेदार ठहराया। पुल अगस्त की बरसात में टूट गया था, लेकिन उसके बाद न अवरोधक लगाए गए, न चेतावनी संकेत और न ही किसी अस्थायी दीवार का निर्माण हुआ। लोगों ने बताया कि मजबूरी में अपनी ही मेहनत से एक अस्थायी डाइवर्शन बनाया गया है, लेकिन पुल वाला हिस्सा रात में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता।

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