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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने में जुटी सरकार इसका दायरा गांव तक ले जाने की कोशिश और तेज करने जा रही है।
हर जिले में एक हजार से अधिक इकाइयां स्थापित कराने के लक्ष्य के साथ खाद्य प्रसंस्करण विभाग हर गांव में कम से कम इकाई की स्थापना की योजना बना रहा है, जिससे कृषि उपज का मूल्य संवर्धन हो और किसानों-ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत दी जा रही सुविधाओं का प्रचार-प्रचार किया जाएगा। गांवों में शिविर लगाकर लोगों को इकाइयों की स्थापना के लिए प्रेरित किया जाएगा। विभाग अपने खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रमाें का दायरा भी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक लाख डालर तक ले जाने के लक्ष्य के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्राथमिकता में रखा गया है। सरकार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत प्रोत्साहन दे रही है। इसमें संयंत्र, मशीनरी और तकनीकी निर्माण पर 35 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान (कैपिटल सब्सिडी) का प्रविधान है, जिसकी अधिकतम सीमा पांच करोड़ रुपये है।
इकाइयों के विस्तार या आधुनिकीकरण के लिए भी लागत का 35 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जिसकी अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये तक है। साथ ही इकाई में साैर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर भी अनुदान मिल रहा है। इसके साथ ही पीएमएफएमई के तहत भी इकाई स्थापित कराई जा रही हैं।
इसमें 35 प्रतिशत तक ऋण आधारित पूंजीगत अनुदान दी जाती है। इसमें व्यक्तिगत इकाइयों के लिए प्रति इकाई सीमा अधिकतम 10 लाख रुपये तक है। योजना में स्वयं सहायता समूहों के लिए प्रारंभिक पूूंजी समर्थन भी दिया जाता है।
खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में लगभग 75 हजार खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हैं। वहीं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत 428 इकाइयां लगाई जा चुकी हैं।
पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रत्येक गांव में प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद विभाग इसकी योजना तैयार कर रहा है। इसमें ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। दीवारों पर संदेश लिखे जाएंगे।
राजकीय प्रशिक्षण केंद्रों में एक महीने का गहन प्रशिक्षण और पंचायत स्तर पर तीन दिवसीय शिविर आयोजित करने की भी रूपरेखा बनाई जा रही है। जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा मिले और तकनीकी ज्ञान भी पहुंचे।
अपर मुख्य सचिव बीएल मीना उद्यानप एवं खाद्य प्रसंस्करण के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, विभाग इसके लिए काम कर रहा है।
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