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प्रतीकात्मक तस्वीर
संवाद सूत्र, जागरण, प्रतापगढ़। दशहरा, दीपावली व छठ के महापर्व के बाद अब डिपो के अधिकारियों का पूरा ध्यान माघ मेले पर है। इस बार उन चौराहों व ग्रामीण तिराहों से बसों का संचालन होगा, जिन पर यात्रियों का अधिक दबाव रहता है। स्नान पर्व के दो दिन पूर्व से ही इन रूट पर बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे रूट का सर्वे किया जाएगा। इसके बाद रूट चार्ट तैयार किया जाएगा। इस पहल से स्नानार्थियों को काफी सहूलियत मिलेगी।
प्रतापगढ़ डिपो से कुल 92 बसों का संचालन होता है। दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोंडा, बहराइच, अमेठी, सुलतानपुर सहित रूट पर बसें चलती हैं। इसके अलावा इन जिलों से रोडवेज बसें भी जिले से होकर गुजरती हैं।
दशहरा, दीपावली, छठ का महापर्व बीत जाने के बाद अब डिपो के अफसरों का पूरा ध्यान माघ मेले पर है। प्रयागराज में 2026 में लगने वाला माघ मेला पौष पूर्णिमा के साथ तीन जनवरी से शुरू होगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 18 जनवरी को मौनी अमावस्या, एक फरवरी वसंत पंचमी और 15 फरवरी का महाशिवरात्रि का स्नान पर्व है।
देश- विदेश से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। बेल्हा से भी लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए मैजिक, ट्रैक्टर, बोलेरो सहित निजी साधन या फिर ट्रेन व रोडवेज बस से प्रयागराज जाते हैं। निर्धारित रूट के साथ ही डिपो के अफसरों का ध्यान उन ग्रामीण रूटाें पर भी रहेगा, जहां से सवारियां निकलती हैं।
इन रूटों का भी सर्वे किया जाएगा। ऐसे चौराहों, तिराहों की सूची तैयार की जाएगी, जहां से यात्रियों के निकलते हैं। स्नान पर्व के दौरान ऐसे स्थानों से बसों का संचालन किया जाएगा, ताकि स्नानार्थियों को परेशान न होना पड़े। वहीं, डिपो की आमदनी पर भी इसका असर दिखेगा। एआरएम अनवारुल हसन ने बताया कि माघ मेले के दृष्टिगत बसों के संचालन की रूपरेखा तैयार की जा रही है, ताकि स्नानार्थियों को बस सेवा का लाभ मिल सके। |
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