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वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों के लिवर में सूजन, आंतों में फैल रहा है संक्रमण; इन लक्षणों को न करें अनदेखा

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发表于 2025-10-28 08:33:15 | 显示全部楼层 |阅读模式
  प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे मरीज। (सांकेतिक तस्वीर)





जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। जिले में वायरल बुखार आने भर से मरीज परेशान नहीं हैं, बल्कि उनके लीवर पर भी सूजन है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी व जनरल वार्ड वायरल बुखार से तप रहा है। मरीजों के सिर, पेट और हड्डियों में दर्द है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

डेंगू और मलेरिया नेगेटिव मिलने के बाद भी कई मरीजों को न सिर्फ प्लेटलेट गिरी मिल रही है। डॉक्टरों का कहना है कि वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की कोशिकाएं कमजोर पड़ रही हैं। लिवर पर सूजन और आंतों में संक्रमण मरीजों को और परेशान कर रहा है। मरीजों के लीवर एंजाम की जांच जरूर करें।





जिले में बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। प्राइवेट अस्पताल हो या सरकारी यहां वायरल बुखार के काफी मरीज आ रहे हैं। इनमें से कई मरीजों में डेंगू जैसे लक्षण होते हैं लेकिन जांच में पुष्टि नहीं होती है। सरकारी अस्पताल में बुखार के रोजाना 300 से ज्यादा मरीज तक पहुंच रहे हैं।

यहां इस समय करीब 30 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। शुक्रवार को भी नागरिक अस्पताल की ओपीडी में 2300 से ज्यादा मरीजों ने जांच कराई। इसमें शिशु रोग और मेडिसिन वार्ड में मरीजों की संख्या 300 के पार रही जबकि 120 से ज्यादा मरीजों की खून जांच और करीब 10 से ज्यादा मरीजों की एलाइमा जांच के लिए लिखा गया। एलाइजा जांच की रिपोर्ट एक दिन बाद आती है। ऐसे में मरीजों को इंतजार करना पड़ता है।





मात्र 20 बेड का इमरजेंसी वार्ड, रोज भर्ती होने वालों की संख्या ज्यादा: मौसमी बीमारियों के सीजन में नागरिक अस्पताल में बेड को लेकर समस्या खड़ी हो जाती है। आलम ये है कि इमरजेंसी में मात्र 20 बेड हैं, जबकि रोजाना विभिन्न बीमारी के शिकार 10 से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया जाता है।

इसके अलावा जरनल वार्ड में 45 बेड हैं। यह भी 60 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इस बार वायरल का प्रकोप बढ़ने से अस्पताल प्रबंधन भी व्यवस्थाओं को और बेहतर करने में जुटा हुआ है। बेड की संख्या में भी इजाफा करने की कवायद चल रही है।




तेज बुखार होने से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं कोशिकाएं

डाक्टरों ने बताया कि जिस मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक कमजोर है, उसे कई तरह की बीमारियां दिखाई दे रही हैं। तेज बुखार होने से कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।

कोशिकाएं ठीक होने से बाद बीमारी ठीक हो रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पानी पिएं, बाहर के तैलीय और मसालेदार भोजन से परहेज करें। बुखार की स्थिति में तुरंत जांच कराएं। समय पर इलाज मिलने से संक्रमण रोका जा सकता है।


इन लक्षणों को न करें अनदेखा



  • ठंड के साथ तेज बुखार आना और मरीज का बदन का टूटना
  • आखें पूरी तरह लाल होना
  • आखों के पिछले हिस्से में दर्द
  • बीपी में हल्की सी गिरावट








मौसम में बदलाव के कारण बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। तेज बुखार, पेट दर्द, उल्टी और थकान जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। देर से इलाज कराने और लापरवाही बरतने के कारण यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है। अस्पताल में आने वाले बुखार मरीजों के लिए उपचार व जांच के लिए लिखा जाता है।



- डॉ. लोकवीर, पीएमओ, जिला नागरिक अस्पताल
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