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प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है। मत जलाना पराली, आसमान से होगी निगरानी
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। धान की कटाई में अभी थोड़ा विलंब है, लेकिन पर्यावरण को लेकर अभी से प्रशासन सख्त दिखने लगा है। पराली को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है। स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि किसी भी क्षेत्र में पराली का धुआं पकड़ा जाएगा तो संबंधित किसान के विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई कराई जाएगी। निगरानी की व्यवस्था के लिए सेटेलाइट सिस्टम की मदद ली जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
धान की कटाई से पूर्व ही सख्त हुआ प्रशासन, पराली के धुएं पर रखी जाएगी नजर
सर्दी की शुरुआत से पहले किसान पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद गंभीर हो रहा है। जल्द ही धान कटाई के बाद कुटाई का कार्य आरंभ कराया जाएगा। धान कुटाई से बड़ी मात्रा में पराली अलग होती है। विकल्प तो हैं, लेकिन उसे नष्ट करने के लिए सर्वाधिक किसान खेतों में ही पराली को जला देते हैं। फसलों के अवशेष भी इसके साथ ही जलाए जाते हैं। पराली का धुआं आसपास के स्थल को ही नहीं, बल्कि दूर तक अपना प्रभाव छोड़ता है।
लाेगों को सांस की रहती है शिकायत
एक साथ कई स्थानों पर पराली जलने से धुएं की स्थिति बढ़ जाती है। परिणामत: लोगों को श्वांस संबंधी समस्या का सामना भी करना पड़ता है। अब कृषि विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि कहीं भी पराली का धुआं पकड़ा जाएगा तो उसे जलाने वालों के विरुद्ध जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी। आसानी से चिह्नांकन हो सके, इसके लिए सेटेलाइट से भी निगरानी की जाएगी। जनपद और तहसील स्तर पर कमेटी बनाकर भी निगरानी कराई जाएगी।
यह है जुर्माने का प्रविधान
जमीन की माप (एकड़ में), जुर्माना राशि
दो एकड़, पांच हजार रुपये
दो से पांच एकड़ तक, 10 हजार रुपये
पांच एकड़ से अधिक, 30 हजार रुपये
2024 में 103 मामले आए
वर्ष 2024 में सर्दी के मौसम में ही जिले में पराली जलाने के 103 मामले सामने आए थे। जांच में 34 मामले बाद में कूड़ा-करकट से संबंधित मिले थे। शेष में किसानों पर कृषि विभाग द्वारा 1,72,500 रूपये का जुर्माना लगाया गया था। बगैर एसएमएस सिस्टम के चल रहीं तीन कंबाइन मशीनों को भी सीज किया था।
पराली जलाना प्रतिबंधित है। यदि कहीं भी पराली का धुआं पकड़ा जाएगा, तो संबंधित किसान के विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही इसके लिए कमेटी भी गठित की जाएगी। - नरेंद्र कुमार त्रिपाठी, उप कृषि निदेशक |
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