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छांगुर ने अवैध मतांतरण के लिए नीतू-नवीन के जरिए कराई थी विदेशी फंडिंग।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। हिंदू युवतियों के छल-बल व प्रलोभन से अवैध मतांतरण के मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने मुख्य आरोपित जलालुद्दीन उर्फ छांगुर समेत अन्य के विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य जुटाए हैं। छांगुर ने गिरोह की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपनी करीबी नीतू उर्फ नसरीन व उसके पति नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन के जरिए विदेश से हुई फंडिंग की रकम का खूब उपयोग किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एटीएस ने छांगुर व उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन समेत छह आरोपितों के विरुद्ध लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है। इनमें छांगुर के साथी रशीद, शहाबुद्दीन, मु.सबरोज व निलंबित कोर्ट कर्मी राजेश उपाध्याय के नाम भी शामिल हैं।
एटीएस ने बयानों व जांच के आधार पर छांगुर व उसके साथियों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में एससी-एसटी एक्ट की भी बढ़ोतरी की है। जांच एजेंसी ने लगभग डेढ़ माह पूर्व मामले में छांगुर के बेटे महबबू व करीबी नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था। एटीएस ने एक पीड़ित महिला के बयानों के आधार पर महबूब के विरुद्ध दुष्कर्म के तहत भी केस दर्ज किया था। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि अभी कई आरोपितों की भूमिका को लेकर पड़ताल विवेचना है।
शासन ने बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र के ग्राम मधपुर में पीर साहब, नसरीन, जमालुददीन, महबूब व अन्य नामों से कई संदिग्ध व्यक्तियों के रहने, विदेशी फंडिंग से एक वर्ष के भीतर करोड़ों रुपये की संपत्तियां जुटाने व लग्जरी गाडियां खरीदे जाने की शिकायत पर गोपनीय जांच कराई थी। जांच में हिंदू युवतियों को निशाना बनाकर अवैध मतांतरण का बड़ा नेटवर्क सामने आया था।
एटीएस ने पांच जुलाई को गिरोह के सरगना छांंगुर व उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। छानबीन में अवैध मतांतरण के लिए करोड़ों रुपये की विदेशी फंडिंग के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। कई पीड़ित महिलाओं के बयानों में उनका अवैध मतांतरण कराए जाने के साथ ही उन्हें प्रताड़ित किए जाने के तथ्य सामने आए हैं। गिरोह ने गरीब व असहाय युवतियों को मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर भी उनका मतांतरण कराता था।
सूत्रों का कहना है कि एटीएस ने आरोपपत्र में इन सभी तथ्यों को समाहित किया है। एटीएस ने दो दिन पूर्व छांगुर समेत छह आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है। हालांकि काेर्ट ने अभी आरोपपत्र का संज्ञान नहीं लिया है। मामले में प्रवतर्न निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है। ईडी की जांच में दुबई की एक कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की फंडिंग के साक्ष्य मिले थे। ईडी ने बीते दिनों विदेशी फंडिंग से खरीदी गईं 13 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां भी जब्त की थीं।
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