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धवल चांदनी में बांकेबिहारी ने महारास की मुद्रा में दिए दर्शन, खास पोशाक और शृंगार ने मोह लिया मन

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论坛元老

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发表于 2025-10-28 08:47:19 | 显示全部楼层 |阅读模式
  रास रासेश्वर के रूप में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन, श्रद्धालु मुग्ध।





जागरण संवाददाता, वृंदावन। शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारी ने शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारी ने महारास की मुद्रा में रास रासेश्वर के रूप में मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन दिए वह आल्हादित हो गए।

वर्ष में एक दिन ठाकुर बांकेबिहारी शरद पूर्णिमा पर मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। सोमवार को आराध्य की एक झलक पाने को भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिर के जगमोहन में श्वेत परिवेश में सिंहासन पर विराजे आराध्य बांकेबिहारी ने मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देकर मुग्ध कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



शरद पूर्णिमा पर सोमवार की सुबह मोर-मुकट, कटि-काछनी, लकुटी और अधरों पर मुरली बजाते स्वर्ण-रजत सिंहासन पर विराजे ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए। आराध्य की इस अनुपम झांकी के दर्शन को देश दुनिया से आए श्रद्धालु भक्तों का सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी।

शाम को चंद्रमा की धवल चांदनी में श्वेत पोशाक व सुनहरा शृंगार कर वंशी धारण किए आराध्य बांकेबिहारी की झांकी को देखा तो भक्त एकटक निहारते रह गए और स्वयं धन्य मान हाथ उठाकर जयघोष करने लगे। मंदिर परिसर बांकेबिहारी के जयकारों से गूंजने लगा।



मंदिर परिसर श्वेत परदे सहित सफेद रंग के ही गुब्बारे से ऐसा सजा, मानो चंद्रमा की धवल चांदनी के बीच श्वेतांबर में बैठ भगवान बांकेबिहारी भक्तों को दर्शन दे रहे हों। भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर की ओर दर्शन के लिए आगे बढ़ रही थी।

शरदपूर्णिमा पर तीर्थनगरी के हर मंदिर में चंद्रमा की धवल चांदनी में आराध्य ने भक्तों को दर्शन दिए। सप्तदेवालयों में शामिल राधारमण, राधादामोदर, राधाश्यामसुंदर, गोविंददेव, गोपीनाथ, मदनमोहन के अलावा रंगजी मंदिर, इस्कान, प्रेममंदिर में भी शरद उत्सव पर ठाकुरजी ने श्वेतांबर में भक्तों को दर्शन दिए।


मंदिर में वन-वे रास्ते से हुई भक्तों की एंट्री

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंधन ने मंदिर में वन-वे एंट्री व्यवस्था लागू कर दी। वीआईपी राेड, दाऊजी मंदिर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट संख्या दो से प्रवेश मिला, तो विद्यापीठ, किशोरपुरा, पुलिस चौकी के रास्ते आने वाले श्रद्धालुओं को गेट संख्या तीन से मंदिर में प्रवेश मिला। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को गेट संख्या एक व चार से बाहर निकाला गया।


भोग में अर्पित किया चंद्रकला व खीर

शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारीजी को राजभोग और शयनभाेग में विशेष रूप से चंद्रकला और खीर का प्रसाद अर्पित किया गया। ठाकुरजी का भोग लगाने के बाद सेवायतों ने चंद्रकला और खीर का प्रसाद भक्तों को बांटा।
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