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सस्ते के चक्कर में तो नहीं खरीद रहे नकली पनीर? सोनीपत में खाद्य विभाग की टीम ने कई दुकानों पर मारा छापा

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发表于 2025-10-28 08:48:26 | 显示全部楼层 |阅读模式
  सैंपल लेने के दौरान पनीर में पाया गया कीट। जागरण





जागरण संवाददाता, सोनीपत। त्योहारों के सीजन में बाजारों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। सोमवार को विभाग की टीम ने शहर के कच्चे क्वार्टर बाजार में सस्ते पनीर व मक्खन बेचने वाली दुकानों पर छापा मारा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कार्रवाई के दौरान दो दुकानों से पनीर के दो सैंपल, मक्खन का एक और सफल मटर का एक सैंपल लिया गया। जांच के दौरान कुछ दुकानों पर रखे पनीर और मक्खन की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई गई। मौके पर ही खराब गुणवत्ता वाला पनीर और मक्खन नष्ट करवाया गया।



  

कच्चे क्वार्टर बाजार में पनीर के सैंपल लेते बिरेंद्र यादव व उनकी टीम। जागरण


जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम सोमवार को दोपहर करीब एक बजे कच्चे क्वार्टर बाजार में पहुंची और छापा मार कार्रवाई शुरू कर दी। टीम ए-वन डेयरी पर पनीर के सैंपल लेने लगी तो बाकी के डेयरी संचालक दुकान बंद करके भाग गए।



विभाग की टीम ने ए-वन डेयरी पर पनीर व मक्खन के सैंपल लिए है। मौके पर पनीर की गुणवत्ता सही नहीं मिलने पर मौके पर करीब दो किलो पनीर को नष्ट कराया गया। इसके बाद स्टैंडर्ड डेयरी पर पहुंची टीम ने पनीर व मटर के सैंपल लिए।

अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसे कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और बाजार में नकली या घटिया खाद्य सामग्री बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


रोजाना चलेगा अभियान

त्योहारों के मद्देनजर टीम अब रोजाना बाजारों में छापेमारी करेगी। दूध, मिठाई, नमकीन, मसाले और डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता की विशेष जांच की जाएगी। खाद्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। त्योहारी सीजन पर खराब गुणवत्ता का सामान बेचने वाले दुकानदारों पर विभाग की निगरानी रहेगी।




दो सैंपल हुए फेल

जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की तरफ से कुछ दिन पहले चने और मसाले के लिए गए थे। उनकी रिपोर्ट फेल आई थी। उन दुकानदारों के खिलाफ भी विभाग अब कार्रवाई की तैयारी कर चुका है।

विभाग की तरफ से कोर्ट केस करने की तैयारी की जा रही है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि इस बार अभियान को जिला स्तर पर लगातार चलाया जाएगा, ताकि आम जनता को मिलावटी और हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचाया जा सके।




सैंपल फेल होने पर कार्रवाई

सैंपल अनसेफ : जो खाद्य पदार्थ मानव उपभोग के योग्य नहीं होते, उन्हें अनसेफ कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे खाद्य पदार्थ से उपभोक्ता के जीवन को खतरा हो सकता है। इस स्थिति में दोषी पाए जाने पर अदालत से छह महीने तक की सजा और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

सैंपल सब-स्टैंडर्ड: ऐसे सैंपल जो निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें सब-स्टैंडर्ड श्रेणी में रखा जाता है। प्रत्येक खाद्य पदार्थ के लिए गुणवत्ता मानक तय हैं। यदि जांच में सैंपल इन मानकों पर खरा न उतरे, तो संबंधित व्यक्ति पर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।



सैंपल मिस ब्रांड: यदि बाजार में बेचे जा रहे खाद्य उत्पाद के पैकेट पर दी गई जानकारी अधूरी या गलत पाई जाती है, तो उसे मिस ब्रांड की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे मामलों में तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सैंपल मिस लीडिंग: यदि किसी उत्पाद का वास्तविक स्वरूप या सामग्री उसके लेबल पर दी गई जानकारी से मेल नहीं खाती, तो वह मिस लीडिंग की श्रेणी में आता है। इस स्थिति में दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।







बाजार में सस्ता पनीर बेचने वाले दुकानदार अक्सर गुणवत्ता से समझौता करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा होता है। उपभोक्ताओं से अपील है कि वे सस्ते और संदिग्ध खाद्य पदार्थों से बचें और किसी भी तरह की शिकायत तुरंत विभाग के नियंत्रण कक्ष या हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज कराएं।

- बिरेंद्र यादव, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, सोनीपत
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