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हाथ में संविधान और लाल गुलाब थामे 210 माओवादियों ने किया सरेंडर, अबूझमाड़ जंगल का 4,400 वर्ग किमी क्षेत्र माओवाद मुक्त

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发表于 2025-10-28 09:51:31 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

पुलिस लाइन जगदलपुर में 210 माओवादियों ने बंदूक छोड़ थामी संविधान की किताब



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में शुक्रवार को दंडकारण्यस्पेशलजोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) सदस्य भास्कर उर्फ राजमनमंडावी, रनीता, राजू सलाम सहित 210 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने मंच पर पहुंचे माओवादियों की बंदूकें झुकी थीं और उनके हाथों में संविधान की किताब व लाल गुलाब थे। यह प्रतीक था हिंसा से शांति की ओर यात्रा का। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस मौके पर माओवादियों का नेतृत्व सेंट्रल कमेटी सदस्य व दंडकारण्यस्पेशलजोनल कमेटी के प्रवक्ता रूपेश उर्फ विकल्प ने किया। पुलिस महानिदेशक अरुण गौतम, आइजीपीसुंदरराज पी. और सुरक्षा बलों की मौजूदगी में कुल 153 हथियारों के साथ यह अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है। इसके साथ ही अबूझमाड़ के 4400 वर्ग किलोमीटर, कांकेर जिले और महाराष्ट्र सीमा तक का क्षेत्र माओवाद मुक्त हो गया है।
210 माओवादियों का छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण

माओवाद के सशस्त्र आंदोलन का यह सबसे निर्णायक मोड़ है, क्योंकि इसके साथ ही माड़ डिवीजन, गढ़चिरौली कमेटी, उत्तर-पूर्वी बस्तर डिविजन, कंपनी नंबर-1 और 10, संचार, प्रेस और डाक्टर टीम पूरी तरह संगठन से बाहर आ चुकी हैं। यह माओवादी आंदोलन के अंतिम अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है। अब बस्तर में सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में ही माओवादियों सिमट कर रह गए हैं।
अबूझमाड़ का 4400 वर्ग किमी क्षेत्र माओवाद मुक्त

कार्यक्रम स्थल पर सफेद कपड़े का आवरण हटते ही हथियारों का ढेर सामने आया। 19 एके-47, 17 एसएलआर(सेल्फलोडिंगराइफल), 23 इंसासराइफल, एक इंसासएलएमजी (लाइट मशीनगन), एक यूबीजीएल (अंडर बैरलग्रेनेडलांचर), 36 थ्री-नाट-थ्रीराइफल, चार कार्बाइन, 11 बीजीएल (बैरेलग्रेनेडलांचर), 41 नग 12 बोर बंदूकें और एक पिस्टल नजर आई।
सरकार द्वारा तीन वर्ष तक मिलेगी आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री बोले- तीन वर्ष तक मिलेगी आर्थिक सहायताइस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेवसाय और गृह मंत्री विजय शर्मा ने जगदलपुर में ही पुलिस कोआर्डिनेशन सेंटर से शांति का संदेश दिया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। भटके हुए लोग महात्मा गांधी के अहिंसा मार्ग और सरकार की पुनर्वास नीति पर विश्वास जताकर लौटे हैं। हम उन्हें तीन वर्ष तक आर्थिक सहायता और जीवन पुनर्वास का संपूर्ण अवसरदेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व मेंबनी हमारी पुनर्वास और उद्योग नीति का यह परिणाम है।
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