找回密码
 立即注册
搜索
查看: 733|回复: 0

गया जी में छठ पर्व पर मधुबनी कला का कमाल, प्रियंका सूप पर उकेरी आस्था की अद्भुत झलक

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

26万

积分

论坛元老

积分
261546
发表于 2025-10-28 09:53:47 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

प्रियंका सूप पर उकेरी आस्था की अद्भुत झलक



संवाद सूत्र, फतेहपुर (गया)। दीपावली के बाद छठ महापर्व नजदीक है, और इसी के साथ भक्ति और कला का संगम भी दिखने लगा है। टनकुप्पा प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की आदेशपाल कुमारी प्रियंका बास इन दिनों अपनी अनूठी कलाकारी से लोगों का दिल जीत रही हैं। वे विद्यालय के पीछे टनकुप्पा की बंशी नदी के शांत तट पर बैठकर सूप पर मधुबनी पेंटिंग बना रही हैं। जल की लहरों की मधुर ध्वनि और मिट्टी की सोंधी खुशबू के बीच उनके हाथों से निकलती रेखाएं छठ पर्व की आस्था को सजीव रूप दे रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


प्रियंका बचपन से ही कला प्रेमी रही हैं। उन्होंने मधुबनी पेंटिंग की परंपरागत शैली को गहराई से सीखा और उसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। यह कला मिथिला क्षेत्र की पहचान रही है, जिसमें प्राकृतिक रंगों, ज्यामितीय आकृतियों और सांस्कृतिक प्रतीकों के माध्यम से देवी-देवताओं, प्रकृति और लोकजीवन की कहानियां चित्रित की जाती हैं।

प्रियंका ने इसी शैली में सूप पर सूर्य देव, छठ माता और अर्घ्य अर्पण करती महिलाएं जैसी भावनात्मक झलकियां उकेरी हैं। उनके द्वारा तैयार किया गया प्रत्येक सूप न केवल पूजा के लिए उपयोगी है, बल्कि कला और संस्कृति की विरासत का प्रतीक भी है।


उनकी पेंटिंग को देखने लोग विद्यालय परिसर और नदी तट तक पहुंच रहे हैं। कई लोग इसे छठ पर्व का सबसे सुंदर उपहार बता रहे हैं। प्रियंका बताती हैं कि यह कार्य उनके लिए सिर्फ कला नहीं, बल्कि आस्था और मातृशक्ति को नमन करने का माध्यम है। इस बार उन्होंने निश्चय किया है कि अपनी बनाई सूप पेंटिंग को वे छठव्रती माताओं को पूजन के लिए भेंट करेंगी।


कला के क्षेत्र में प्रियंका का योगदान सराहनीय रहा है। वे पिछले पांच वर्षों से विभिन्न विद्यालयों और सांस्कृतिक आयोजनों में इच्छुक छात्राओं को नि:शुल्क मधुबनी पेंटिंग सिखाने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने कई जिला और राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर सम्मान प्राप्त किया है। विद्यालय परिवार और स्थानीय लोगों ने उनके इस समर्पण को प्रेरणादायक बताते हुए उन्हें “लोककला की जीवंत मिसाल” कहा है। प्रियंका का मानना है कि कला तभी पूर्ण होती है जब वह समाज और संस्कृति से जुड़कर लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरे। उनकी यह पहल न केवल छठ पर्व की गरिमा बढ़ा रही है, बल्कि लोककला को नई पहचान भी दे रही है।


कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन मृदुला कुमारी ने बताया कि आदेशपाल कुमारी प्रियंका की मधुबनी पेंटिंग काफी खूबसूरत और जीवंत रहती है। इनकी प्रेरणा से विद्यालय की छात्राएं मधुबनी पेंटिंग सिख रही है। जो कौशल विकास के लिए प्रेणादायक सिद्ध होगी।
您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-28 18:22 , Processed in 0.124549 second(s), 24 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表