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Mohammed Rafi ने रोते-रोते गाया था ये गाना, वहीदा रहमान पर फिल्माया गया था दर्द भरा गीत

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发表于 2025-10-28 18:17:49 | 显示全部楼层 |阅读模式
  मोहम्मद रफी साहब का सैड सॉन्ग (फोटो क्रेडिट- जागरण)





एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Mohammed Rafi हिंदी सिनेमा जगत के दिग्गज गायक थे। 4 दशक से अधिक के सिंगिंग करियर में रफी साहब ने एक से बढ़कर एक गीत को अपनी आवाज दी थी। इसी आधार पर हम आपको सुरों के सरताज के एक ऐसे गीत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे गाते-गाते खुद मोहम्मद रफी रोने लगे थे।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



वह कौन सा था और किस वजह से मोहम्मद रफी की आंखों में आंसू आ गए थे। इसके बारे में आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।  
गाना गाते वक्त रोने लगे थे मोहम्मद रफी

मोहम्मद रफी ने अपनी मधुर आवाज में कई ऐसे सैड सॉन्ग गाए थे, जिन्हें सुनने के बाद आपकी आंखें नम हो जाएंगी। लेकिन एक गीत ऐसा था, जिसने न सिर्फ फैंस को इमोशनल किया, बल्कि रफी साहब भी इसकी रिकॉर्डिंग के वक्त भावुक हो गए थे। वह गाना साल 1968 में आई निर्देशक राम माहेश्वरी की फिल्म नील कमल (Neel Kamal) का था। गाने के बोल थे- बाबुल की दुआएं लेती जा... (Babul Ki Duayen Leti Ja)।  



  
फोटो क्रेडिट- फेसबुक

यह भी पढ़ें- जब मोहम्मद रफी संग Lata Mangeshkar ने लगाया था सुर, \“सॉन्ग ऑफ द ईयर\“ बन गया था राजेश खन्ना का ये गीत?



जी हां आपने अक्सर शादियों की वीडियो में इस सॉन्ग को जरूर सुना होगा। शादी के बेटी की विदाई के माहौल बना ये गीत अभिनेत्री वहीदा रहमान और बलराज साहनी पर फिल्माया गया था। रिलीज के 57 साल बाद भी मोहम्मद रफी का ये सॉन्ग बेहद शानदार माना जाता है। इस गीत को गाते वक्त रफी साहब सच में रोने लगे थे।  

  


फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

दरअसल जब वह नील कमल के इस गाने को रिकॉर्ड करने के लिए पहुंचे थे, उससे एक दिन पहले उनकी बेटी की सगाई थी और वह इस भाव में इतना खो गए कि उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। लेकिन इसके बावजूद मोहम्मद रफी ने बाबुल की दुआएं लेती जा गाने की रिकॉर्डिंग को नहीं रोका। मालूम हो कि रफी साहब का ये गीत आज भी सुपरहिट माना जाता है।  
40 साल में गाए थे 26 हजार गाने

मोहम्मद रफी को बॉलीवुड का लीजेंडरी सिंगर इसलिए कहा जाता है कि उन्होंने 40 साल के करियर में हिंदी सहित अन्य भाषाओं को मिलाकर करीब 26 हजार से ज्यादा गीतों को अपनी आवाज दी थी। बता दें कि साल 1945  में गांव की गोरी फिल्म के जरिए रफी साहब ने हिंदी सिनेमा में बतौर गायक डेब्यू किया था।  



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