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इस भारतीय के पास है स्विट्जरलैंड में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी, कभी गैरेज में बनाते थे गहने

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论坛元老

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发表于 昨天 23:12 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

स्विट्जरलैंड में स्थित इस गोल्ड रिफाइनरी का मालिक एक भारतीय है।



नई दिल्ली। भारत में सोने का व्यापार करने वाली कई कंपनियां हैं। देशभर में अलग-अलग ब्रांड अपनी गोल्ड ज्वैलरी बेचती हैं, लेकिन क्या आप देश के सबसे बड़े गोल्ड ज्वैलरी एक्सपोर्टर (indias biggest gold jewelry exporter) के बारे में जानते हैं। खास बात है कि सोने का यह व्यापारी भारत में रहकर 60 देशों में कारोबार करता है। हम बात कर रहे हैं राजेश मेहता (Rajesh Mehta) की, जो भारत की सबसे बड़ी स्वर्ण आभूषण निर्यातक कंपनी, राजेश एक्सपोर्ट लिमिटेड के मालिक हैं। यह कंपनी भारत में गोल्ड प्रोडक्ट बनाने वाली और उन्हें निर्यात करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

खास बात है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड कंपनी भी है, जो गोल्ड रिफाइनिंग से लेकर ज्वैलरी बिक्री का कारोबारी भी करती है। एक और दिलचस्प बात है कि यह राजेश मेहता, दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनिंग कंपनी के मालिक भी हैं।
छोटे कारोबारी से गोल्ड किंग तक का सफर

राजेश मेहता, राजेश एक्सपोर्ट्स के फाउंडर और एक्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं, साथ ही उन्हें दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड एक्सपोर्टर में से एक माना जाता है। राजेश मेहता को सोने-चांदी का व्यापार विरासत में मिला था, जिसे उन्होंने अपनी मेहनत से एक ग्लोबल वेंचर में बदल दिया है।
खरीद ली सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी

स्विट्जरलैंड में दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी कंपनी, वैलकैम्बी है, जिसका अधिग्रहण राजेश मेहता की कंपनी राजेश एक्सपोर्ट कर चुकी है। इस स्विस रिफ़ाइनरी में सालाना 2,000 टन से ज़्यादा सोना, चांदी, प्लैटिनम और पैलेडियम को प्रोसेस्ड करने में सक्षम है। राजेश मेहता की कंपनी ने जुलाई 2015 में स्विस रिफाइनरी वैलकैम्बी का अधिग्रहण किया और अब स्विट्जरलैंड और भारत दोनों में इसकी रिफाइनरियां हैं।
राजेश एक्सपोर्ट्स दुनिया के 35% से अधिक सोने का प्रसंस्करण करता है; और फॉर्च्यून 500 कंपनी व दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी और आभूषण कंपनियों में से एक है।
पिता के बिजनेस से मिली प्रेरणा

राजेश मेहता के पिता जसवंतरी मेहता ज्वैलरी बिजनेस के लिए गुजरात से कर्नाटक में बस गए। पढ़ाई के बाद राजेश मेहता ने भी अपने फैमिली बिजनेस को ज्वाइन कर लिया। साल 1982 में चेन्नई से चांदी के गहने खरीदते थे और उन्हें गुजरात जाकर राजकोट में बेच देते थे. ज्वैलरी बिजनेस में मिली कामयाबी के बाद उन्होंने बेंगलुरु में अपने गैरेज में सोने के गहनों के निर्माण के लिए एक छोटी-सी यूनिट की शुरुआत की।

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इसके बाद बिजनेस में मिली लगातार सफलता के बाद उन्होंने कई देशों में सोने के गहनों का निर्यात करना शुरू कर दिया. देश और दुनिया में बड़े गोल्ड एक्सपोर्टर के तौर पर पहचान रखने वाले राजेश मेहता की गिनती बेंगलुरु के सबसे धनी व्यक्तियों में होती है।

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