找回密码
 立即注册
搜索
查看: 262|回复: 0

उत्पन्ना एकादशी पर राहुकाल का साया, इस मुहूर्त में पूजा करने से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

26万

积分

论坛元老

积分
261546
发表于 昨天 23:17 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

Utpanna Ekadashi 2025 इस समय में न करें पूजा।



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विधिपूर्वक एकादशी व्रत करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मार्गशीर्ष माह में किए जाने वाले उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2025) के दिन अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको प्रभु श्रीहरि की कृपा की प्राप्ति हो सकती है। चलिए जानते हैं इस बारे में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस समय में न करें पूजा

राहुकाल के समय में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना या पूजा-पाठ करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2025) के दिन राहुकाल का समय कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

राहुकाल का समय - सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक

ऐसे में आपको इस समय में पूजा-पाठ या किसी भी तरह के शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए, वरना आपको उस कार्य का शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता।

  
इस समय में करें पूजा -

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से

विजय मुहूर्त - दोपहर 1 बजकर 53 मिनट से दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से

गोधूलि मुहूर्त - शाम 5 बजकर 27 मिनट से शाम 5 बजकर 54 मिनट से

इस तरह प्राप्त करें विष्णु जी की कृपा

उत्पन्ना एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु को पीला चंदन और पीले रंग के पुष्प अर्पित कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रभु श्रीहरि के भोग में तुलसी दल भी जरूर शामिल करें। लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी तोड़ने की मनाही होती है, ऐसे में आप एक दिन पहले भी तुलसी के पत्ते उतारकर रख सकते हैं। इसके साथ ही एकादशी की पूजा में विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी काफी शुभ माना गया है।

  
करें इन मंत्रों का जप -

एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करना भी उनकी कृपा प्राप्ति का एक उत्तम उपाय माना गया है।

1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

2. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

3. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

4. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

यह भी पढ़ें- Margashirsha Ekadashi 2025 Date: मार्गशीर्ष माह में कब कौन-सी एकादशी है? अभी नोट करें तिथि और शुभ मुहूर्त

यह भी पढ़ें - Utpanna Ekadashi पर राशि के हिसाब से करें इन मंत्रों का जप, चंद दिनों में चमक उठेगा भाग्य

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

相关帖子

您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-27 01:25 , Processed in 0.124382 second(s), 24 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表