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रेल मोटर कार को रेगुलर चलाने में खड़े हुए अधिकारियों के हाथ।
राजकुमार, कालका। पहाड़ों की वादियों में कालका-शिमला रेलमार्ग पर रेल मोटर कार के आरामदायक सफर के लिए यात्री तरस रहे हैं। 1927 में यह सेवा शुरू की गई थी, लेकिन अब लंबे समय से ठप है। रेल मोटर कार गैराज में खड़ी रहती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नाॅर्दर्न रेलवे के जीएम (महाप्रबंधक) ने करीब पांच महीने पहले कालका दौरे के दौरान हेरिटेज ट्रैक की पहचान मानी जाने वाली रेल मोटर कार को दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए थे। विभागीय लापरवाही के चलते यह आदेश अब तक कागजों में ही दबकर रह गया है।
वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कालका-शिमला रेलमार्ग पर चलने वाली टाय ट्रेन के साथ-साथ 16 सीटर रेल मोटर कार सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है। इसमें अलग से इंजन नहीं होता, बल्कि चालक सैलानियों के बीच बैठकर इसे चलाता है। यही कारण है कि इसका सफर बेहद अनूठा और रोमांचक अनुभव प्रदान करता है।
इंग्लैंड में निर्मित यह रेल कार विदेशी और भारतीय सैलानियों दोनों के बीच लोकप्रिय रही है। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण यह सेवा अब लंबे समय से ठप है। फिलहाल रेल मोटर कार केवल ऑन डिमांड सेवा के रूप में चलाई जाती है, जिसके लिए पूरी गाड़ी एक ही पार्टी को बुक करनी होती है। |
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