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Voter List के फार्म बिक रहे कबाड़ में... लापरवाही या धांधली? जांच की मांग तेज

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धनवार बाजार में कबाड़ में मिले मतदाता सूची पुनरीक्षण के फार्म। (फोटो-जागरण)  



जागरण संवाददााता, धनवार (गिरिडीह)। झारखंड के गिरिडीह जिले में चुनावी प्रक्रिया की पोल खोलने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। धनवार बाजार में एक कबाड़ी की दुकान पर निर्वाचक नामावली 2024 के एस-27 झारखंड विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण फार्म भारी संख्या में मिले हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कबाड़ी की दुकान में मिले फार्म पूरी तरह से खाली और नए छपाई जैसे लग रहे हैं, जो सीधे तौर पर स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते हैं। क्या चुनाव आयोग के आधिकारिक दस्तावेज अब किलो के भाव बिकने लगे हैं?

यह घटना न केवल चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि मतदाताओं के अधिकारों पर भी खतरा मंडरा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कबाड़ी ने इन फार्मों को किलो के हिसाब से खरीदा था।

ये फार्म निर्वाचन प्रक्रिया में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जिन्हें सुरक्षित रूप से संभाला जाना चाहिए। भले ही इन पर कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं भरी गई हो, लेकिन इनकी खुले बाजार में बिक्री प्रशासनिक चूक का स्पष्ट प्रमाण है।

जानकारों का मानना है कि चुनाव संबंधी फार्मों का निस्तारण और भंडारण सख्त नियमों के अनुसार होना चाहिए। यदि छपाई के बाद अतिरिक्त प्रतियां बची हों, तो उन्हें निर्वाचन कार्यालय में लौटाया जाना चाहिए या आधिकारिक प्रक्रिया से नष्ट किया जाना चाहिए।

लेकिन यहां तो ये फार्म कबाड़ी के पास पहुंच गए, जो विभागीय स्तर पर गंभीर लापरवाही दर्शाता है। क्या यह कोई बड़ा घोटाला है या सिर्फ एक छोटी सी भूल? सवालों का घेरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

डुमरी प्रखंड से संबंधित ये फार्म गिरिडीह जिले में मिलना और भी चौंकाने वाला है। बसपा जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार वर्मा ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा-जिला प्रशासन और निर्वाचन विभाग को तत्काल जांच करनी चाहिए और दोषियों पर सख्त विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए।

स्थानीय निवासियों में भी आक्रोश है। एक स्थानीय व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया-हमारे वोट का क्या मूल्य है, जब मतदाता सूची के फार्म कबाड़ में बिक रहे हैं? प्रशासन को जवाब देना चाहिए।
नाम जोड़ने की अहर्ता तिथि एक जनवरी

हर साल चुनाव आयोग 1 जनवरी को अहर्ता तिथि मानकर मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कराता है। इस दाैरान इस तिथि को 18 वर्ष पूरी करने वाले युवा-युवतियों का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाता है।
देश के 12 राज्यों में चल रहा SIR

वर्तमान में देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का कार्य चल रहा है। इस दौरान राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

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