|
|
स्टडी से पता चला कि सैटेलाइट लिंक काफी आसानी से इंटरसेप्ट किए जा सकते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। एक हालिया स्टडी सैटेलाइट लिंक की संभावित कमजोरी को दिखाती है। कमर्शियल तौर पर उपलब्ध इक्विपमेंट का इस्तेमाल करते हुए, रिसर्चर्स हजारों प्राइवेट और सेंसिटिव मैसेज इंटरसेप्ट करने में सफल रहे, जो स्पेस से ट्रांसमिट हो रहे थे। उनका कहना है कि \“चौंकाने वाली\“ मात्रा में ट्रैफिक, जिसमें कॉर्पोरेट डेटा, SMS और प्राइवेट कॉल शामिल हैं, बिल्कुल बिना एन्क्रिप्शन भेजा जा रहे हैं। इनमें मैक्सिकन और अमेरिकन सरकार के कुछ कम्युनिकेशन्स भी शामिल हैं। सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स इन नतीजों से चिंतित हैं, क्योंकि ये दिखाता है कि लो-कॉस्ट इक्विपमेंट भी आसानी से सैटेलाइट्स के सीक्रेट जान सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अनएन्क्रिप्टेड डेटा स्ट्रीम
स्टडी के मुताबिक, रिसर्चर्स ने एक कंज्यूमर सैटेलाइट डिश को साउदर्न कैलिफोर्निया के ऊपर दिखने वाले जियोस्टेशनरी सैटेलाइट्स की तरफ घुमाया, और कुल 39 सैटेलाइट्स स्कैन किए। उन्होंने अनप्रोटेक्टेड स्ट्रीमिंग डेटा की बड़ी मात्रा कैप्चर की। इनमें से लगभग आधे सिग्नल- जिनमें कंज्यूमर, कॉर्पोरेट या गवर्नमेंट ट्रैफिक शामिल थे- \“पूरी तरह से असुरक्षित\“ थे और आसानी से सुने जा सकते थे। इंटरसेप्टेड डेटा में प्राइवेट कॉल्स और टेक्स्ट मैसेज, इन-फ्लाइट Wi-Fi यूज और क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर लिंक शामिल थे। सैकड़ों कंपनियां- जिनमें बड़े टेलिकॉम जैसे T-Mobile भी शामिल हैं, अनजाने में अपना डेटा इन अनएन्क्रिप्टेड लिंक पर भेज रही थीं।
सुरक्षा को लेकर खतरे और उनसे निपटने के तरीके
एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि खतरा सिर्फ सुन लेने तक सीमित नहीं है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन इंटरसेप्ट करके अटैकर्स \“फर्जी\“ कमांड्स नेटवर्क्स में भेज सकते हैं, या टू-फैक्टर कोड भी कैच कर सकते हैं। स्टेट-स्पॉन्सर्ड इंटरफेरेंस की रिपोर्ट्स भी इन्हीं कमजोरियों से मेल खाती हैं। UK स्पेस कमांड के मुताबिक, रूस अक्सर अपने सैटेलाइट्स को पश्चिमी कम्युनिकेशन्स इंटरसेप्ट करने या सुनने की पोजिशन में रखता है और 2022 में Viasat Ka-SAT नेटवर्क पर साइबरअटैक ने पूरे यूरोप में इंटरनेट सर्विस बाधित कर दी थी। अब एक्सपर्ट्स स्पेस-बेस्ड कम्युनिकेशन को सुरक्षित रखने के लिए हर लेयर पर मज़बूत एन्क्रिप्शन की सलाह दे रहे हैं और कुछ कंपनियों ने अपने सैटेलाइट लिंक एन्क्रिप्ट करना शुरू भी कर दिया है।
यह भी पढ़ें: Delhi Blast: आतंकी कर रहे थे खतरनाक सेशन ऐप का इस्तेमाल, बिना फोन नंबर और ईमेल के होती है चैटिंग |
|