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जागरण संवाददाता, लखनऊ। निर्माणाधीन लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे पर घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाई जाएगी। पिछले ढाई सालों में कई घटनाएं होने के बाद भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की कार्यदायी संस्था पीएनसी संरक्षा व सुरक्षा दोनों बढ़ाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का काम जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस दौरान कोई और हादसा या दुर्घटना न हो, इसके लिए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। यहां चंद सालों में कई घटनाएं हो चुकी है। कभी कोई वाहन खुले नाले में गिर जाता है तो कभी हाइड्रा का तार टूटने से गर्डर कार के ऊपर गिर जाता है। शनिवार को हाइड्रा एलीवेटेड रोड पर पलट गई थी।
यही नहीं कई बार एलीवेटेड रोड पर काम करने के दौरान लोहे के एंगल व अन्य सामान नीचे चलते हुए वाहनों पर गिर चुके हैं। इसके बाद भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ऐसा कोई उपाए नहीं किए, जिससे ऐसे हादसों पर विराम लग सके। अब एक बार फिर दावा किया गया है कि अब जनवरी 2026 तक काेई हादसा न हो, उसके लिए टीमें सतर्कता ज्यादा बरतें।
शनिवार को सरोजनीनगर स्थित हाइडिल पुलिस चौकी के पास एलीवेटेड रोड पर लगे नाइस बैरियर को तोड़ते हुए हाइड्रा के आगे का हिस्सा लटक गया था। अगर हाइड्रा मशीन नीचे गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। अब कार्यदायी संस्था पीएनसी के प्रशासनिक अधिकारी अंकुर जैन का दावा है कि कोई भी काम होगा।
चाहे वह एलीवेटेड रोड का हो या फिर मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग का। सुरक्षा व संरक्षा दोनों का ध्यान पहले से ज्यादा रखा जाएगा। यही नहीं गार्ड लगाने के साथ ही काम के दौरान वाहनों का संचालन पूरी तरह से रोका जाएगा। |
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