找回密码
 立即注册
搜索
查看: 739|回复: 0

किसानों के दबाव में सिंहस्थ लैंड पूलिंग योजना निरस्त, सीएम बोले- भावनाओं का सम्मान किया

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

26万

积分

论坛元老

积分
261513
发表于 2025-11-26 23:43:31 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

मुख्यमंत्री मोहन यादव। (फाइल फोटो)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसानों के भारी विरोध के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ लैंड पूलिंग एक्ट निरस्त कर दिया है। सोमवार को सीएम आवास पर भारतीय किसान संघ, भाजपा और अन्य प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एलान किया कि किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सिंहस्थ लैंड पुलिंग एक्ट को निरस्त किया जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उन्होंने कहा कि विश्व सिंहस्थ का वैभव देखेगा। दरअसल, किसान इसी बात पर अड़े हुए थे कि लैंड पूलिंग एक्ट को पूरी तरह निरस्त किया जाए। इसका आशय यह हुआ कि भूमि अधिग्रहण पूर्व की तरह अस्थायी व्यवस्था के तहत ही होगी, न कि स्थायी निर्माण के लिए। सरकार ने पहले प्रयास किया था कि किसानों की सहमति से लैंड पूलिंग की जाए, लेकिन भारतीय किसान संघ इससे असहमत था।
किस बात पर अड़ा था किसान संघ?

किसान संघ इस बात पर अड़ा था कि सिंहस्थ के लिए किसानों की भूमि स्थाई निर्माण के लिए लेने से उनकी आजीविका का साधन समाप्त हो जाएगा। उज्जैन के सिंहस्थ 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए अब यहां पहले की तरह अस्थायी रूप से किसानों की भूमि ली जाएगी और बदले में उन्हें प्रविधान अनुसार भुगतान किया जाएगा।

किसान संघ और स्थानीय संगठन सिंहस्थ के नाम पर लैंड पूलिंग के माध्यम से किसानों की जमीन लेने का विरोध कर रहे थे। मंगलवार से डेरा डालो आंदोलन का ऐलान कर दिया गया था। बात पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची और कई बैठकों के दौर चले। सरकार की ओर से इसकी आवश्यकता बताई गई तो अन्य कुंभ का उदाहरण देकर लैंड पूलिंग के बिना व्यवस्था बनाए जाने की बात उठी। भूमि लेने को लेकर निर्णय न होने के कारण काम भी प्रभावित हो रहे थे।
सीएम मोहन यादव की बैठक

इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली से लौटकर सोमवार को किसान संघ, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी, उज्जैन के जनप्रतिनिधिगण और जिला प्रशासन उज्जैन के साथ बैठक की। इसमें सिंहस्थ के आयोजन को लेकर समग्र रूप से चर्चा की गई। सभी पक्षों के बीच सिंहस्थ का आयोजन दिव्य, भव्य और विश्वस्तरीय करने के लिए हर संभव प्रयास करने पर सहमति बनी। इसमें साधु, संतों और किसानों के हितों का व्यापक रूप से ध्यान रखा जाएगा।

चर्चा के बाद सिंहस्थ लैंड पूलिंग को निरस्त करने का निर्णय लिया गया और मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग और जिला प्रशासन को इसके आदेश भी जारी करने के निर्देश दिए ताकि कोई भ्रम न रहे।

उल्लेखनीय है कि उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में लगभग 2,800 हेक्टेयर भूमि है। इसमें साढ़े आठ सौ हेक्टेयर शासकीय और शेष निजी भूमि है। सरकार बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए यहां जन सुविधा की दृष्टि से स्थायी निर्माण करना चाहती थी। इसके लिए किसानों की भूमि लैंड पूलिंग के तहत लेना प्रस्तावित था। इसमें जिसकी भूमि ली जाती, उसे एक निश्चित क्षेत्र में स्थायी निर्माण करके सरकार देती और बाजार मूल्य से शेष भूमि का भुगतान भी किया जाता।

बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, महेश चौधरी, भाजपा के नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, जिला महामंत्री कमलेश बैरवा, महामंत्री जगदीश पांचाल और आनंद खींची सहित अन्य पदाधिकारी और अधिकारी उपस्थित थे। किसान संघ ने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए उनका आभार जताया।

यह भी पढ़ें: केंद्र व राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलों की नहीं रुचि, ग्वालियर सहित पांच जिले पिछड़े

相关帖子

您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-26 23:35 , Processed in 0.199003 second(s), 23 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表