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विराट रामायण मंदिर के लिए महाबलीपुरम से आ रहा शिवलिंग, 210 मीट्रिक टन वजनी और 33 फीट ऊंचा होगा आकार

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पूर्वी चंपारण में बन रहा विराट रामायण मंदिर। सांकेतिक तस्वीर



जागरण संवाददाता, पटना। पूर्वी चंपारण के चकिया में निर्माणाधीन विश्व के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर के लिए 33 फीट ऊंचा शिवलिंग बनकर तैयार हो गया है। यह ग्रेनाइट पत्थर से बना है। निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में गत दस वर्षों से हो रहा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस शिवलिंग को सड़क मार्ग से शुक्रवार को महाबलीपुरम से 96 चक्के वाले ट्रक से पूर्वी चंपारण स्थित विराट रामायण मंदिर के लिए रवाना किया गया। जिस ट्रक से शिवलिंग लाया जा रहा है, उसकी रफ्तार पांच किलोमीटर प्रति घंटे होगी।

अधिक वजन से कहीं सड़क या पुल, पुलिया धंस न जाए, इसको लेकर पूर्वी चंपारण के चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर विशेष तकनीक से सड़क व पुल-पुलिया का निर्माण किया गया है।

शिवलिंग को रवाना करने के पहले पूजा-पाठ किया गया। इसे गढ़ने वाली कंपनी के संस्थापक विनायक वेंकटरमण ने बताया कि इस पर लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। नए साल में (फरवरी तक) यह शिवलिंग विराट रामायण मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।

शिवलिंग को महाबलीपुरम से विराट रामायण मंदिर परिसर तक आने में 20 से 25 दिनों का समय लग सकता है। इस दौरान रास्ते में विभिन्न राज्यों के शहरों में शिवलिंग का स्वागत भी किया जाएगा।

पटना से महाबलीपुरम गए महावीर मंदिर, पटना के पीआरओ अजय सिंह ने बताया कि वे लोग बिहार के लिए निकल रहे हैं। उनके साथ महावीर मंदिर के अधीक्षक के. सुधाकरण भी हैं।
शिवलिंग आने का मार्ग

महाबलीपुरम, होसुर, होसाकोट, देवनाहाली, कुरनूल, हैदराबाद, निजामाबाद, अदिलाबाद, नागपुर, सीवनी, जबलपुर, कंपनी, मैहर, सतना, रिवा, मिर्जापुर, आरा, छपरा, मशरख, मोहम्मदपुर, केसरिया, चकिया विराट रामायण मंदिर।
चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर होगा स्थापित

यह सहस्रलिंगम है। इसके साथ एक हजार छोटे शिवलिंग होते हैं। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में काले ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराश कर इस शिवलिंग का निर्माण किया गया है। चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर यह शिवलिंग स्थापित होगा।
210 मीट्रिक टन है शिवलिंग का वजन

यह देश में किसी भी मंदिर में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा शिवलिंग माना जा रहा है। विराट रामायण मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा कराया जा रहा है। मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह का पाइलिंग आदि का काम पूरा हो गया है।

यह मंदिर आकार में 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे। वहीं मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट, चार शिखरों की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट, आठ शिखरों की ऊंचाई 108 फीट और एक शिखर की ऊंचाई 90 फीट होगी।

बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद, महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति के सचिव सायण कुणाल के अनुसार हर संभव कोशिश की जा रही है कि मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरा कराया जा सके।
2023 में मंदिर का हुआ था शिलान्यास

20 जून 2023 को शिलान्यास के बाद विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। यह बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया और चकिया के बीच जानकीनगर में आकार ले रहा रहा है।

पटना से इस मंदिर की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है। परिसर में चार आश्रम होंगे। चकिया का विराट रामायण मंदिर आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा। राज्य और देश ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न देशों के भक्तों के लिए दर्शनीय होगा।

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