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सुहागरात: क्या है इसका असली मतलब और क्यों है ये इतनी खास? (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया से लेकर घर-मोहल्ले तक, इन दिनों हर जगह शादी की धूमधाम देखने को मिल रही है। सर्दियों के मौसम में कई सारी शादियां होती है। इस साल भी कई सारे कपल जन्मों-जन्मों के इस बंधन में बंधने वाले हैं। भारत में शादी से जुड़ी कई सारे रीति-रिवाज प्रचलन में हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन परंपराओं की हमारे समाज में अहम जगह है। सभी धर्मों में शादी को काफी अहम माना जाता है। भले ही इसके लिए रीति-रिवाज अलगक्यों न हो, इसका महत्व कम नहीं होता है। खासकर हिंदू धर्म में शादी से जुड़ी कई सारी रस्में और परंपराएं निभाई जाती हैं।
जय माल, सिंदूर दान, सात फेरे, कन्यादान, गठबंधन शादी के दौरान होने वाली अहम रस्मों में से एक हैं। इसी तरह शादी के दौरान सुहागरात (Marriage First night) का भी अपना अलग महत्व होता है। हालांकि, इसके बारे में लोग आज भी खुलकर बात नहीं करते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्यों खास मानी जाती है सुहागरात और क्या है इसका असल मतलब-
सुहागरात का असल मतलब क्या है?
सुहागरात शादी की एक अहम रस्म मानी जाती है, लेकिन फिर भी लोग इसके बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं। आज भी यह शब्द सुनते ही लोग असहज हो जाते हैं, क्योंकि लोग अक्सर इसका मतलब एक ही समझते हैं। हालांकि, आप सुहागरात का जो मतलब आज तक समझते आ रहे हैं, यह पूरा सच नहीं है। इसका असल मतलब आपकी सोच से कई ज्यादा खास होता है और इसके खास होने के पीछे कई सारी वजह होती हैं।
क्यों खास मानी जाती है सुहागरात?
सुहागरात कई मायनों में खास होती है। यह तो हम सभी जानते हैं कि यह शादी के बाद कपल की पहली रात होती है, लेकिन इस दौरान क्या होता है, जिसके बारे में आज भी कई लोगों को गलत जानकारी है। यह सिर्फ एक वजह से ही खास नहीं होती, बल्कि इसलिए भी खास होती है, क्योंकि इसे पति-पत्नी के नए जीवन की शुरुआत मानते हैं। यह एक ऐसा समय होता है, जब एक कपल एक-दूसरे को समझने के लिए एक साथ समय बिताता है।
यह रात प्रेम और विश्वास का भी प्रतीक माना जाता है। इस दौरान अक्सर पार्टनर्स को एक-दूसरे को करीब से जानने का मौका मिलता है। साथ ही यह पारिवारिक जीवन की शुरुआत करने का भी एक मौका होता है। हालांकि, ऐसा करना जरूरी नहीं होता है। अक्सर कई लोग इस दौरान एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं और दोनों पार्टनर्स की सहमति के बाद भी रिश्ते अलग लेवल पर ले जाना चाहिए।
सुहागरात क्यों कहलाती है शादी की पहली?
अब सवाल यह उठता है कि शादी की पहली रात को भी सुहागरात क्यों कहा जाता है। अगर बात करें इस शब्द की, तो यह शब्द संस्कृत के सौभाग्य शब्द से जुड़ा है और इसी से सुहाग शब्द की उत्पत्ति हुई है। सुहागरात का कनेक्शन मुख्य रूप से महिलाओं से होता है। दरअसल, सुहाग और सुहागन दोनों की शब्द शादीशुदा महिला के लिए इस्तेमाल होता है।
शादी के बाद महिला सुहागन हो जाती है और अपने सुहाग यानी पति के लिए सौभाग्य को बढ़ाने के लिए सिंदूर, चूड़ियां, पायल, बिछिया, मंगलसूत्र जैसी सुहाग की निशानी पहनती है। ऐसे में सुहागन बनने के बाद उनकी पहली रात सुहाग की रात यानी सुहागरात कहलाती है।
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